एक और IAS ऑफिसर के इस्तीफे की खबर है. ThePrint की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 बैच के IAS ऑफिसर कशिश मित्तल ने 6 सितंबर को केंद्र से मतभेदों के बीच इस्तीफा दे दिया. मित्तल AGMUT (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-यूनियन टेरिटरी) कैडर के अधिकारी हैं, जो कि NITI आयोग के वाइस-चेयरमैन राजीव कुमार के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर तैनात थे.
ThePrint ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि उनका ट्रांसफर अरुणाचल प्रदेश किया जा रहा था और वो इससे खुश नहीं थे.
पहले भी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं मित्तल
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा नहीं है कि पहली बार कशिश मित्तल ट्रांसफर को लेकर नाराजगी जता रहे हैं, साल 2016 में उनका चंडीगढ़ से ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके बाद कशिश ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी.
एक के बाद एक कई IAS अफसरों का इस्तीफा
कशिश मित्तल के पहले केरल कैडर के IAS कन्नन गोपीनाथन और कर्नाटक के शशिकांत सेंथिल इस्तीफा दे चुके हैं. इन युवा अफसरों ने इस्तीफे के लिए अलग-अलग कारण बताए हैं.
कश्मीर में ‘मौलिक अधिकारों के हनन’: कन्नन गोपीनाथन
केरल कैडर के IAS और पिछले दिनों बाढ़ राहत कार्यक्रमों को लेकर चर्चा में रहे IAS कन्नन गोपीनाथन ने इस्तीफे का कारण कश्मीर मुद्दा बताया था. उन्होंने कश्मीर में चल रहे 'ब्लैकआउट' और ‘मौलिक अधिकारों के हनन’ को इस्तीफे की वजह बताया. कन्नन ने केरल राज्य में कई अहम पदों पर काम किया है. वो ऊर्जा और अपरंपरागत ऊर्जा स्त्रोत विभाग के सचिव रहे हैं. कन्नन ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पद पर भी काम किया है. क्विंट से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर या किसी और भी मसले पर कोई भी फैसला ले सकती है, ये उसका हक है, लेकिन लोगों की आवाज को दबाना उसका हक नहीं है.
लोकतंत्र से हो रहा समझौता,चुप्पी ठीक नहीं: शशिकांत सेंथिल
कर्नाटक के आईएएस अफसर शशिकांत सेंथिल ने इस्तीफा देते वक्त कहा कि अनैतिक तरीके से लोकतंत्र के सभी संस्थानों को दबाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वो सिविल सर्विस में रहना नहीं चाहते हैं. एस शशिकांत सेंथिल पिछले हफ्ते से छुट्टी पर थे. वो एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ की आत्महत्या मामले की जांच भी कर रहे थे.
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