ADVERTISEMENTREMOVE AD

कन्नन गोपीनाथन को पुणे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुसने से रोका

कश्मीर मुद्दे पर आईएएस से इस्तीफा देने वाले अफसर कन्नन गोपीनाथन एक लेक्चर के लिए पुणे के दौरे पर थे 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आईएएस से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथन को सोमवार को पुणे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुसने से रोक दिया गया. सोमवार को उन्हें सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी यानी SPPU की लाइब्रेरी जयकर रिसोर्स सेंटर में नहीं जाने दिया गया. कन्नन ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आईएएस से इस्तीफा दे दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

लाइब्रेरी में लेक्चर का प्रोग्राम था

कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि यूनिवर्सिटी के छात्र चाहते थे कि वह लाइब्रेरी में आएं. लेकिन छात्रों और लाइब्रेरी की अधिकारी अपर्णा राजेंद्र के बीच विवाद के बाद यह फैसला रद्द कर दिया गया. अपर्णा जयकर रिसोर्स सेंटर की डायरेक्टर इंचार्ज हैं. राजेंद्र ने कहा कि वह सिर्फ यह चाहती थीं कि कन्नन लाइब्रेरी विजिट करने की जो प्रक्रिया हैं, उसका पालन करें.

राजेंद्र ने कहा

हमें उन्हें लाइब्रेरी दिखा कर खुशी होती. लेकिन रीडिंग रूम का इस्तेमाल अन्य छात्र भी करते हैं इसलिए यहां पब्लिक टॉक या लेक्चर का इस्तेमाल यहां संभव नहीं होता. इससे छात्रों की पढ़ाई में खलल पड़ता. 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

लेक्चर देने के लिए पुणे के दौरे पर थे कन्नन

गोपीनाथन सोमवार एक भाषण देने पुणे पहुंचे थे.सोमवार को वह शहर घूमने के अपने कार्यक्रम के तहत SPPU की लाइब्रेरी पहुंचे थे. उन्होंने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि छात्र काफी उत्साहित थे और उन्हें कैंपस दिखाना चाहते थे. इसी सिलसिले में वे उन्हें लाइब्रेरी भी दिखाना चाहते थे. लेकिन छात्रों से बातचीत के दौरान लाइब्रेरी के अधिकारी टकराव के मूड में दिखे. कन्नन ने कहा, ' अधिकारियों का यह रवैया देख कर हमने मामला ज्यादा बढ़ाना नहीं चाहा और लाइब्रेरी विजिट का प्रोग्राम रद्द कर दिया. हालांकि यह भी एक अनुभव था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कन्नन के साथ युवक क्रांति दल, महाराष्ट्र के छात्र कार्यकर्ता थे. उनका कहना था कि जब लाइब्रेरी में घुसने की अनुमति मांगी गई तो कन्नन के साथ बड़ी बेरुखी दिखाई गई. SPPU में पढ़ने वाले संगठन से जुड़े एक छात्र ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें यह नहीं बताया कि लाइब्रेरी में एंट्री के लिए आवेदन करना पड़ता है. उन्होंने कहा, हमें इस नियम का बारे में पता नहीं था. अगर हमें बताया जाता तो हम इसका पालन करते लेकिन लाइब्रेरी के अधिकारियों ने हमसे जिस तरह बात की उससे हमें परेशानी हुई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×