उत्तर प्रदेश और मुंबई में चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार राम भक्तों को खुश करने में कामयाब रही है. भले ही बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर न बनवा पाई हो, लेकिन देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मुंबई में ‘राम मंदिर’ बनाने में कामयाब हुई है. मुंबई के ओशिवारा स्थित एक नए रेलवे स्टेशन का नाम ‘राम मंदिर’ रखा गया है.
जोगेश्वरी और गोरेगांव के बीच उपनगरीय स्टेशन का नाम ‘ओशिवारा’ रखा जाना था. क्योंकि अभी तक यही परंपरा रही है कि रेलवे स्टेशन का नाम उस एरिया के नाम पर रखा जाता है, जिस एरिया में स्टेशन बना हो. लेकिन स्थानीय बीजेपी और शिव सेना के नेताओं ने नए स्टेशन का नाम राम मंदिर रखे जाने की सिफारिश की थी, जिस पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हामी भर दी है.
सिर्फ ‘राम’ क्यों नहीं?
नए रेलवे स्टेशन का नाम राम मंदिर करने का अभियान बीजेपी के एमएलए विद्या ठाकुर और शिव सेना के संसद गजानन कीर्तिकर के नेतृत्व में शुरू किया गया था. 2014 में मोदी लहर की बदौलत बीजेपी के विद्या ठाकुर ने गोरेगांव सीट से विधानसभा चुनाव जीता था. जो लंबे समय से शिव सेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई की सीट हुआ करती थी. ठाकुर फडणवीस सरकार में राज्य मंत्री भी हैं.
विद्या ठाकुर उत्तर भारतीय हैं और गोरेगांव-ओशिवारा इलाके में उत्तर प्रदेश से आये प्रवासियों की एक बड़ी आबादी है. बीजेपी उत्तर प्रदेश से आये प्रवासियों के साथ-साथ हिंदुत्व विचार धारा वाले मराठी और गुजरती भाषी लोगों को लुभाना चाहती है. बीजेपी आने वाला बीएमसी इलेक्शन अकेले लड़ना चाहती है.
यह कोई धार्मिक मामला नहीं है, यहां भगवान राम का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह एरिया राम मंदिर के नाम से जाना जाता है. और क्यों हम भगवान राम के नाम से स्टेशन का नाम नहीं रख सकते हैं?विद्या ठाकुर, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री, महाराष्ट्र
बीजेपी कर रही है राजनीति
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मालिक का कहना है कि ‘हां यह सही है कि उस एरिया में एक प्रसिद्ध राम मंदिर है, लेकिन उस एरिया का नाम ओशिवारा है. जहां संयोग से एक बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है. वह इस कदम का विरोध कर रहे हैं. और विपक्षी दल भी उनका समर्थन करती है.’
बीएमसी चुनाव से पहले दोनों सत्तारूढ़ दलों ने राम और धर्म के नाम पर राजनीति शुरू कर दिया है.नवाब मालिक, मुख्य प्रवक्ता, एनसीपी
राम मंदिर का मुद्दा यहां रह रहे मुसलमानों को 1992 के दंगो की भयावह घटना की याद दिलाता है. 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद शहर में दंगे भड़क गए थे. जिसमे लगभग 900 लोग मारे गए थे. उन 900 लोगों में करीब 600 मुस्लमान थे. लेकिन मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि मरने वालों की असल संख्या 600 से अधिक थी.
नाम की वजह से उद्धघाटन में देरी
रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवे स्टेशन का उद्धघाटन 27 नवंबर को करने वाले थे, लेकिन नाम बदलने के विवाद की वजह से उद्धघाटन को अभी स्थगित कर दिया गया है.
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