दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन अब जेएनयू से सटे मीडिया संस्थान IIMC भी पहुंच गया है. भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के कई छात्र 3 दिसंबर से ट्यूशन फीस, हॉस्टल और मेस चार्ज में बढ़ोत्तरी के खिलाफ कैंपस में हड़ताल कर रहे हैं.
फिलहाल IIMC प्रशासन और छात्रों के बीच बात चल रही है. संस्थान के डीजी ने भी छात्रों से मीटिंग की है. बताया जा रहा है कि IIMC के डीजी ने छात्रों की कुछ मांग मान ली हैं. इसमें लाइब्रेरी को 24 घंटे खुला रखना, रीडिंग रूम मुहैया करवाना जैसी मांग शामिल हैं. हालांकि फीस के मुद्दे पर अभी तक किसी तरह की बात सामने नहीं आई है.
क्या है छात्रों की मांग?
छात्रों का कहना है कि IIMC सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त सोसायटी है.
छात्रों का आरोप है कि सरकारी संस्थान “नो प्रॉफिट नो लॉस” आधार पर चलने वाले हैं, जबकि आईआईएमसी में फीस साल दर साल बढ़ाई जा रही है. पिछले तीन सालों में ये फीस तकरीबन 50 फीसदी तक बढ़ा दी गई है.
साल 1965 में स्थापित, IIMC को देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया संस्थान माना जाता है. जहां से देश के कई जाने-माने पत्रकार पढ़कर निकले हैं.
इन कोर्स के फीस में बढ़ोतरी
संस्थान ने इस साल रेडियो और टीवी कोर्स की फीस 1.68 लाख रुपये कर दी है. यह पिछले साल 1.45 लाख रुपये थी. वहीं उर्दू पत्रकारिता की फीस 55 हजार रुपये हो गई है. 2015 में जब इस कोर्स की शुरुआत हुई थी, तब फीस कुल 15 हजार रुपये थी.
अंग्रेजी पत्रकारिता की छात्रा आस्था सव्यसाची का कहना है कि, दस महीने के कोर्स के लिए 95,000 से अधिक फीस और हॉस्टल और मेस चार्ज अलग से देना पड़ता है. किसी भी मिडिल क्लास परिवार के छात्र के लिए यह फीस दे पाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में संस्थान में कई छात्र हैं, जिन्हें पहले सेमेस्टर के बाद कोर्स छोड़ना होगा.
IIMC में साल 2019-20 के लिए अलग-अलग कोर्स के लिए फीस ये हैं:
- रेडियो और टीवी पत्रकारिता: 1,68,500 रुपए
- विज्ञापन और पीआर: 1,31,500 रुपए
- हिंदी पत्रकारिता: 95,500 रुपए
- अंग्रेजी पत्रकारिता: 95,500 रुपए
- उर्दू पत्रकारिता: 55,500 रुपए
इसके अलावा, लड़कियों के लिए लगभग हॉस्टल और मेस की फीस 6500 रु. और लड़कों से एक कमरे का चार्ज 5250 रुपये की फीस हर महीने ली जाती है. साथ ही मेस चार्ज भी अलग से. हालांकि होस्टल में जगह की कमी की वजह से कई छात्रों को बाहर रहना पड़ता है.
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IIMC में रेडियो और टीवी पत्रकारिता के छात्र हृषिकेश के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से हम संस्थान के साथ बातचीत के जरिए अपने मुद्दों के हल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संस्थान छात्रों को आश्वासन के सिवाय कोई जवाब नहीं दे रहा है. प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण हमारे पास विरोध प्रदर्शन ही केवल एकमात्र विकल्प बचा है.
बता दें कि अभी हाल ही में होस्टल फीस में बढ़ोतरी को लेकर जेएनयू के छात्रों ने जमकर विरोध किया था. जिसके बाद प्रशासन ने कुछ मुद्दों को मानने की बात कही थी. हालांकि छात्रों को प्रशासन के आश्वासन पर यकीन नहीं है.
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