देश में कोरोना वायरस के मामलों की तादाद 24,000 से ज्यादा हो चुकी है. संक्रमण से मरने वालों की संख्या 750 से पार जा चुकी है. देश में टेस्टिंग किट को लेकर काफी विवाद चल रहा है. केंद्र सरकार चीन से आई खराब टेस्टिंग किट वापस लौटा रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि संक्रमण रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग जरूरी है. ऐसे में IIT दिल्ली ने COVID की एक टेस्ट किट तैयार की है.
IIT दिल्ली की इस किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की मंजूरी मिल गई है. संस्थान के कुसुम स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज ने इस किट को तैयार किया है.
संस्थान के प्रोफेसर वी पेरुमल ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "हमने इस पर जनवरी के अंत से काम करना शुरू किया था और उसे तीन महीनों में तैयार कर लिया. हम कम दाम वाले डायग्नोस्टिक बनाने में योगदान देना चाहते थे. इन्हें बड़ी संख्या में इस्तेमाल किया जा सकता है."
प्रोफेसर पेरुमल ने बताया कि ये एक स्वैब टेस्ट किट है. उनका दावा है कि इसके जरिए टेस्टिंग अभी तक उपलब्ध सभी डिवाइस से सस्ती होगी. पेरुमल ने कहा, “इस टेस्ट किट का कमर्शियल प्रोडक्शन भी सस्ता होगा.”
ICMR से मिली मंजूरी
ICMR ने 23 अप्रैल को इस टेस्ट किट को मंजूरी दे दी. IIT दिल्ली ने एक बयान में कहा, "टेस्ट किट को ICMR से 100 प्रतिशत संवेदनशीलता और विशिष्टता के साथ मंजूरी मिल गई है. इसी के साथ IIT दिल्ली रियल टाइम PCR पर आधारित टेस्ट किट के लिए ICMR से मंजूरी पाने वाला पहला अकादमिक संस्थान बन गया है."
ये एक प्रोब-मुक्त टेस्टिंग किट है. इसका इस्तेमाल सस्ती और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग के लिए होगा. इसका प्रोडक्शन तेजी से बढ़ाया जा सकता है क्योंकि इसमें फ्लोरोसेंट प्रोब की जरूरत नहीं पड़ती. इन्हीं प्रोब की वजह से टेस्टिंग किट महंगी होती हैं.
भारत के लिए फायदेमंद साबित होगी किट
IIT दिल्ली की टेस्टिंग किट को ऐसे समय में ICMR से मंजूरी मिली है, जब देश में टेस्टिंग किट पर विवाद चल रहा है. चीन से कई खराब टेस्टिंग किट आने से देश की कोरोना वायरस से लड़ाई में रुकावट पैदा हुई है. सस्ती टेस्टिंग किट से गरीब तबके के लोगों को भी फायदा मिलेगा. ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने से महामारी को काबू करने में मदद मिलेगी.
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