ADVERTISEMENTREMOVE AD

यूपी से गुजरात तक, IMA की देशव्यापी हड़ताल का कई राज्यों में असर 

IMA एलोपैथी डॉक्टर्स का सबसे बड़ा संगठन है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

देश के कई हिस्सों में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. ये हड़ताल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र के उस फैसले के खिलाफ बुलाई है, जिसमें पोस्ट-ग्रेजुएट आयुर्वेद डॉक्टरों को कुछ सर्जरी करने की इजाजत दी गई थी. हालांकि, IMA ने इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को इस हड़ताल से बाहर रखा है, लेकिन फिर भी कई शहरों और राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

IMA ने 11 दिसंबर को पूरे देश में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच सभी गैर-जरूरी और गैर-COVID-19 सेवाओं को रोकने का ऐलान किया था. IMA एलोपैथी डॉक्टर्स का सबसे बड़ा संगठन है. इस हड़ताल का देश के अलग-अलग हिस्सों पर क्या असर रहा, यहां जानिए.

गुजरात

गुजरात के 30,000 से ज्यादा डॉक्टरों ने IMA की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया. IMA की गुजरात ब्रांच के सचिव डॉ कमलेश सैनी ने कहा, "30,000 से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए, इनमें 9000 अहमदाबाद के डॉक्टर थे."

अहमदाबाद की वरिष्ठ डॉक्टर मोना देसाई ने कहा कि सरकार को लोगों के स्वास्थ्य से खेलना बंद करना चाहिए. देसाई ने कहा, "आयुर्वेदिक डॉक्टरों को तीन साल के कोर्स के बाद सर्जरी करने की इजाजत देना गलत है क्योंकि आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन के सिद्धांत अलग-अलग हैं."

मॉडर्न मेडिसिन के डॉक्टर इसी काम को सीखने में 8 से 10 साल लगाते हैं. अगर ये सिर्फ तीन साल में सीखा जा सकता है, तो हम इतने साल क्यों खर्च कर रहे हैं? 
डॉक्टर मोना देसाई

दिल्ली

दिल्ली में AIIMS और लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) समेत कई सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने IMA के प्रदर्शन के आह्वान को समर्थन दिया. डॉक्टरों ने अपने काम के दौरान काले रिबन पहने.

AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह ने कहा, "हम आधुनिक चिकित्सा बिरादरी के बाकी लोगों के साथ सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) से अपने गजट नोटिफिकेशन के आधार पर 'मिक्सोपैथी' के लिए सरकार के उस कदम का विरोध करते हैं, जो आयुर्वेद के पीजी छात्रों को सामान्य सर्जरी करने की अनुमति देता है."

डॉक्टरों का मानना है कि इस कदम से फर्जी चिकित्सालयों को बढ़ावा मिलेगा और मरीजों की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है. 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

केरल

IMA के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की वजह से केरल में सभी चिकित्सा गतिविधियां 11 दिसंबर को बंद रहीं. हालांकि, इस इस दौरान आपातकालीन सेवाओं, आईसीयू और कोविड देखभाल गतिविधियों को बंद से बाहर रखा गया.

IMA की केरल इकाई के आह्वान पर निजी क्लीनिक भी बंद रहे. केरल इकाई ने अपने सदस्यों को अपने निवास पर निजी क्लीनिक नहीं खोलने को कहा था. राज्य में डॉक्टरों ने कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया.

कर्नाटक

बेंगलुरु में कई निजी अस्पतालों ने अपने ओपन पेशेंट डिपार्टमेंट (OPD) को 11 दिसंबर को खुला रखा. IMA की हड़ताल का बेंगलुरु में ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिला.

शहर के अपोलो, फोर्टिस जैसे बड़े निजी अस्पतालों ने अपना OPD ऑपरेशनल रखा, जबकि जैन हॉस्पिटल जैसे छोटे अस्पतालों ने हड़ताल को समर्थन दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उत्तर प्रदेश

यूपी में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों ने IMA की हड़ताल को समर्थन दिया. IMA की यूपी यूनिट के अध्यक्ष डॉ अशोक राय ने कहा, "21,500 निजी अस्पताल, डॉक्टर, पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर हड़ताल पर रहे."

डॉ राय ने बताया कि IMA के पदाधिकारी राज्य के सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन करेंगे और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे. उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन में आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की इजाजत देने वाले फैसले को वापस लेने की अपील होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×