ओडिशा के पहाड़ी और आदिवासी बहुल इलाके में स्थित एक रेलवे स्टेशन पर ड्रिंकिंग वाटर की दिक्कत दूर करने के लिए हवा से पानी तैयार किया जा रहा है. पूर्व तटीय रेलवे (ईसीआर) के एक अधिकारी ने बताया कि रेल नेटवर्क में यह ऐसा पहला प्रयोग है.
नमी जमा कर बनाया जा रहा है पानी
राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से 460 किमी दूर राउली के दुर्गम इलाके में स्थित स्टेशन के अधिकारियों को पेयजल की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने में मुश्किल पेश आ रही थी. स्टेशन में एक ट्यूबवेल लगाने की कोशिश का कोई नतीजा नहीं निकला.इस साल मार्च में एक मुआयने के दौरान ईसीआर के महाप्रबंधक उमेश सिंह ने स्टेशन को सुझाव दिया था कि पेयजल के लिए वायुमंडलीय नमी जमा कर उससे पानी निकालने वाली एक मशीन का इस्तेमाल करने की कोशिश की जाए.
ईसीआर के मुख्य जन संपर्क अधिकारी जेपी मिश्रा के मुताबिक यह मशीन वायुमंडल से हवा प्राप्त करती है और इस हवा को एक ‘ कंडेंसर' से गुजारता है ताकि उष्मा के चलते वाष्प पानी में तब्दील हो जाएं.
ओडिशा के रायगढ़ जिले में कोरापुट - रायगढ़ सिंगल लाइन पर स्थित स्टेशन पर 25 अप्रैल को यह मशीन लगाई गई.यहां तीन ट्रेनें रोज रूकती है.यह मशीन 50 फीसदी की कम आर्द्रता पर भी और 32 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान पर काम करती है.यह एक दिन में 120 लीटर पानी बना सकती है मिश्रा ने बताया कि अब स्टेशन पर पर्याप्त पेयजल है.ईसीआर को इस मशीन पर दो लाख रुपये लागत आई है. यह रेलवे में ऐसी पहली परियोजना है.
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