दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में देश और विदेश के छात्र पढ़ने आते हैं. यूनिवर्सिटी में अलग-अलग विषयों में 301 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं. लेकिन इनमें से 82 छात्रों की नागरिकता के बारे में यूनिवर्सिटी प्रशासन को पता नहीं है. इस बात का खुलासा एक आरटीआई के जवाब में हुआ है.
राजस्थान में कोटा के सुजीत स्वामी ने आरटीआई के तहत आवेदन कर विदेशी छात्रों की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में खुलासा हुआ कि 82 छात्रों के देश के बारे में यूनिवर्सिटी प्रशासन को नहीं पता है.
आरटीआई में पूछा गया था कि जेएनयू में कितने छात्र पढ़ रहे हैं और किस-किस प्रोग्राम में कितने छात्र हैं. इसमें यह भी पूछा गया कि यहां कितने विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं और वो किस देश से आए हैं?
आरटीआई के तहत JNU ने दिया ये जवाब
जेएनयू ने आरटीआई के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में 301 विदेशी छात्र हैं और इसमें 82 देसों के देश के बारे में जानकारी नहीं है. यूनिवर्सिटी में 8,805 छात्र पढ़ रहे हैं और इसमें से 48 प्रतिशत छात्र एमफिल या पीएचडी की डिग्री हासिल कर रहे हैं. जेएनयू में 35 कोरियाई छात्र हैं, 25 छात्र नेपाल के हैं, 24 चीन के, 21 अफगानिस्तान के, 16 जापान के और 13 जर्मनी के हैं. इसके अलावा अमेरिका से 10 छात्र हैं, और सीरिया और बांग्लादेश से सात-सात छात्र हैं.
खुलासे के बाद उठ रहे सवाल
आरटीआई के खुलासे के बाद सवाल ये उठाया जा रहा है कि जब छात्रों की नागरिकता के बारे में नहीं पता है तो ऐसे छात्रों को यूनिवर्सिटी में दाखिला कैसे दिया गया? दाखिला देते समय उनकी राष्ट्रीयता की जानकारी क्यों नहीं ली गई?
हाल में जेएनयू परिसर में कुछ लोगों ने मारपीट की थी. कहा गया था कि जेएनयू में बाहर से आकर कई लोगों ने छात्रों पर हमला किया. इस मामले की जांच चल रही है.
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