अगली बार चमचमाती नई एसयूवी की तस्वीर फेसबुक पर डालना आपको महंगा पड़ सकता है. लाइक और कमेंट का तो पता नहीं लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जरूर गुस्से में लाल वाला इमॉटिकॉन इस्तेमाल कर सकता है. यानी, अब इनकम टैक्स विभाग आपके सोशल मीडिया अकांउट पर पैनी नजर बनाने वाला है. ताकि आप कीमती चीजें खरीद रहे हों तो टैक्स की चोरी न कर सकें.
आयकर विभाग की इस पहल को प्रोजेक्ट इनसाइट का नाम दिया गया है. इसके अगले महीने तक लॉन्च होने की उम्मीद जताई जा रही है. प्रोजेक्ट इनसाइट सोशल मीडिया के बड़े डेटा पर नजर रखेगा. जिसके बाद एनालिटिक्स की मदद से ऐसे लोगों का खाका तैयार किया जाएगा जिनकी घोषित आमदनी और खर्चों में फर्क दिखेगा. फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर पर अगर आप ऐसी तस्वीरें पोस्ट करते हैं जो किसी महंगी गाड़ी या महंगी घड़ी की हों और अगर आप इसे अपनी आय के हिसाब से जायज नहीं ठहरा पाए तो टैक्स चोरी या काले धन के आरोप में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके घर का दरवाजा खटखटा सकता है.
आयकर विभाग ने साल 2016 में L&T इन्फोटेक के साथ एक करार किया है जिसके तहत प्रोजेक्ट इनसाइट को लागू किया जाएगा. इसका मकसद टैक्स देनदारों का दायरा बढ़ाना है.
एक अधिकारी के मुताबिक प्रोजेक्ट की बीटा टेस्टिंग शुरू हो चुकी है और अगले महीने तक इसे इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया जा सकता है.
प्रोजेक्ट इनसाइट के जरिए टैक्स अधिकारी ऐसे सौदों पर नजर रख सकेंगे जिनमें बड़ी रकम का लेनदेन होता है. इससे काले धन के चलन पर रोक लगने की भी उम्मीद जताई जा रही है. ये सरकार के उस कदम का ही विस्तार माना जा रहा है जिसके जरिए अघोषित संपत्ति को छिपाने की कोशिशें की जाती हैं.
प्रोजेक्ट इनसाइट तकनीक और डेटा एनालिटिक्स के मेल से एक भारीभरकम फ्रेमवर्क बनाने की दिशा में काम करने जा रहा है. जिसमें करोड़ों लोगों का आईटी रिटर्न, आईटी फॉर्म, टीडीएस, फाइनेंशियल स्टेटमेंट से जुड़ा तमाम डेटा मौजूद रहेगा.
पैन और आधार कार्ड जोड़ने का काम पहले ही तेजी पर है. ऐसे में प्रोजेक्ट इनसाइट की मदद से आयकर विभाग टैक्स चोरी पर पूरी तरह लगाम लगाना चाहता है.
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