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लॉकडाउन में पॉर्नोग्राफी की मांग बढ़ी, ताक में बैठे साइबर अपराधी

पोर्न साइट से हैकर लोगों को धमकी देकर फिरौती की मांग कर रहे हैं.

Published
भारत
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कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश लॉकडाउन मोड में है. ऐसे में लोग इंटरनेट पर ज्यादा समय दे रहे हैं. वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान देश के 100 शहरों में पोर्नोग्राफी की मांग बढ़ी है. अब इस बीच एक और खबर आई है कि पॉर्न साइट पर आनेवालों से ई-मेल के जरिए फिरौती मांगी जा रही है. महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि साइबर धोखाधड़ी में इजाफा हो रहा है.

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महाराष्ट्र पुलिस के साइबर विंग ने कहा है कि, साइबर जालसाज पॉर्न वेबसाइट देखने वालों को ई-मेल भेज रहे हैं और उन्हें बिटकॉइन में भुगतान करने के लिए कह रहे हैं. इसके साथ ही वह धमकी दे रहे हैं कि भुगतान न करने पर उनके वीडियो को एडल्ट वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया जाएगा.

‘जालसाज पोर्न वेबसाइटों पर ऐसे वायरस डालते हैं जिससे जब कोई ऐसी साइट पर पहुंचता है, तो जालसाज उस व्यक्ति के डेटा को चोरी करता है. उस वक्त ब्राउजर रिमोट कंट्रोल डेस्कटॉप के रूप में काम करना शुरू करता है, इसके जरिए वह उनके दोस्तों के संपर्क नंबर, सोशल मीडिया और ई-मेल पर उसके कॉन्टैक्ट जान जाता है.’
बालसिंग राजपूत, पुलिस अधीक्षक, महाराष्ट्र साइबर सेल

ई-मेल के जरिए धमकी

एसपी ने बताया कि साइबर जालसाज एक ई-मेल भेजते हैं, जिसमें धमकी दी जाती है कि उस व्यक्ति को वेबकैम के जरिए पोर्न साइट देखते हुए पकड़ लिया गया है. अगर वह बिटकॉइन के जरिए भुगतान नहीं करता है तो उसके वीडियो को सार्वजनिक कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि, ऐसा ही एक ई-मेल भेजा गया है जिसमें एक शख्स से 2900 डॉलर की मांग की गई है और कहा गया है कि अगर भुगतान नहीं किया गया तो उसका वीडियो उसके दोस्तों, रिश्तेदारों और सहयोगियों को भेजा जाएगा.

लॉकडाउन के दौरान चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी की मांग दोगुनी

ICPF ने अपने एक रिपोर्ट में कहा है कि, सोशल इम्पैक्ट फंड की रिपोर्ट बताती है कि लॉकडाउन के बाद 'चाइल्ड पॉर्न', 'सेक्सी चाइल्ड' और 'टीन सेक्स वीडियो' की मांग बढ़ी है. वहीं एक पॉर्न साइट के डेटा में पता लगा है कि लॉकडाउन के बाद भारत में उनका औसत ट्रैफिक दोगुना बढ़ गया है. लॉकडाउन के दौरान देश के 100 शहरों में पॉर्नोग्राफी की मांग बढ़ी है

ICPF ने कहा है कि यह बच्चों के लिए खतरा है. इससे लाखों बच्चों के लिए इंटरनेट इन दिनों बेहद असुरक्षित हो गया है. ICPF ने इस पर कार्रवाई की भी मांग की है. उनका कहना है कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का घोर उल्लंघन है.

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