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स्वतंत्रता दिवस पर आपके लिए एक सवाल: 'आजादी क्यों चाहिए?'

Independence Day 2023: क्या हम 'आजादी' नाम के अमूर्त विचार के महत्व को समझने में नाकामयाब रहे हैं?

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भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) मना रहा है. इस मौके पर क्विंट हिंदी पूछना चाहता है- हमें आजादी क्यों चाहिए ? अपने व्यस्त जीवन के बीच, क्या हम 'आजादी' नाम के इस अमूर्त विचार के महत्व को समझने में नाकामयाब रहे हैं? क्या एक्टिविज्म केवल एक्टिविस्ट्स के लिए है?

आइए कुछ पल रुककर इस कविता के साथ विचार करें. इस संदेश को मित्रों और परिवार के साथ साझा करें - और बातचीत शुरू करें और बदलाव को बढ़ावा दें.

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आजादी क्यों चाहिए?

हर साल इस तारीख के आस पास सोचता हूं,

कि आजादी क्यों चाहिए?

मतलब, नौकरी ठीक ठाक चल रही है

महंगी सही, पर दाल रोटी, कट रही है

तो फिर, आजादी क्यों चाहिए?

हां, कभी-कभी, भरी दोपहरी में,

मेरे एसी कमरे की बिजली कट जाती है

रुक रुक के ही सही, पर ट्रैफिक में गाड़ी

चल जाती है

फिर महीने बाद जब टैक्स लगाके कमाई घर आती है

तो कुछ देर के लिए ही सही, बात बन जाती है

तो फिर मुझे आजादी क्यों चाहिए?

यह एक्टिविज्म, नारेबाजी,

यह सब नेताओं की खीर है

हमें यह बड़ी बातें आती नहीं है

रोज 9 टू 5 जिंदा रह लूं बहुत है

और मैं वोट देती तो हूं, काफी नहीं है?

अब तुम बच्चे इंप्रेक्टिकल हो रहे हो

इतनी सीरियस देखो कोई बात ही नहीं है

आई जस्ट वॉन्ट टू लिव माय लाइफ एंड स्टे इन पीस

क्या इस बात की मुझे आजादी नहीं है?

और आजादी से याद आया, यार तुम्हें इतनी आजादी क्यों चाहिए?

बात तो आपकी सही है

आजादी असल में नहीं चाहिए

अगर कल जॉब गई, तो चुप चाप अपना सामान

बांध लूंगा

दाल रोटी महंगी है तो क्या, कुछ दिन अचार-सलाद खा लूंगा

अप्स एंड डाउन्स तो हर देश में होते हैं

हर छोटी बात पर ऑब्सेस क्यों रहना

100 साल बाद, हम दुनिया पे राज करेंगे

अभी बहुत टाइम तो है, इतना स्ट्रेस क्यों लेना?

अभी तुरंत तो आजादी नहीं चाहिए

यह रिवोल्यूशन वगैरह, किताबी ज्ञान

रियलिटी और थ्योरी में काफी भेद है

पर फ्रीडम टू स्टे साइलेंट इज ऑल्सो ए फ्रीडम

क्या आपकी आजादी मेरी आजादी से ज्यादा सफेद है?

पर पता है अंकल क्या?

एक दोस्त था मेरा, था क्यों, आई थिंक यू ऑल्सो नो क्यों

ज्यादा बनती नहीं थी अपनी, बट आई थिंक वी बोथ ट्राइड

बिना बात के, बिना काम के, आजादी चिल्लाता था

शायद अपने देश में पागल, खुल के रहना चाहता था

आजकल टाइम वाकई ठीक नहीं

या शायद उसी का खराब डे था

पर उस दिन जो हमें अपनी आजादी का एहसास होता

तो आज वही आपके इस सवाल का जवाब देता

कि आजादी क्यों चाहिए?

छुट्टी का दिन है, एन्जॉय कीजिये!

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