भारत और चीन की सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ चुका है. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 31 अगस्त सोमवार को जब ग्राउंड कमांडर तनाव घटाने के लिए बातचीत कर रहे थे तो इसी बीच चीनी सेना भड़काऊ कदम उठाए. भारतीय पक्ष ने अपने डिफेंस में कदम उठाए और यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश को नाकाम कर दिया.
भारत-चीन की इस तनातनी पर रणनीतिक विचारक ब्रह्मा चेलानी ने ट्विटर पर कहा कि,
“पिछले कुछ हफ्तों में चुशुल हाईट्स पर भारत की तरफ से कोई भी ऐसी घुसपैठ नहीं की गई, जो चीन की सीमा में हो. लेकिन भारत की तरफ से सीमा पर अपनी तैयारी को मजबूत किया गया, जिससे कि पीएलए को चुशुल की चोटियों पर कब्जा करने से रोकने के लिए एक टैक्टिकल एडवांटेज मिल सके.”
अब तक हम इस तनाव को लेकर जो भी जानते हैं वो ये है -
हमेशा की तरह इस बार भी चीन ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि सोमवार को भारतीय सेना की तरफ से एलएसी को क्रॉस किया गया. चीन ने इसे एक भड़काने वाला कदम बताया. वहीं पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता और सीनियर कर्नल झांग शुइली ने कहा कि, चीन ने भारत को जल्द से जल्द अपनी सेना को सीमा से हटाने के लिए कहा है. (CGTN)
चीन के विदेश मंत्री ने भी इस बात से साफ इनकार कर दिया है कि चीन की तरफ से एलएसी पर फिर से कोई उल्लंघन किया गया है. उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने बॉर्डर पर ऐसी कोई भी हरकत नहीं की है. (ग्लोबल टाइम्स)
भारत में मौजूद चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा कि, भारतीय जवानों ने एक बार फिर गैरकानूनी तरीके से एलएसी को पार करने की कोशिश की. चीन भारत से गंभीरता से ये कहता है कि वो अपने फ्रंटलाइन ट्रूप्स को तुरंत वापस बुलाए. चीन ने भारत से कहा है कि वो अपने जवानों को वहां से हटाए और पीछे हटने के इस पूरे प्रोसेस के बीच हो रही इस कार्रवाई को खत्म करे.
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चुसुल सब सेक्टर में जहां डिप्लॉयमेंट बरकरार है वो LAC के हमारे वाले हिस्से में था और सेना की टुकड़ी आगे इसलिए बढ़ी ताकि फिंगर एरिया जैसी स्थिति से बचा जा सके, जहां पर PLA ने बॉर्डर एरिया प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था. (इकनॉमिक टाइम्स, मनु पबी)
शनिवार की रात को भारतीय आर्मी ने 'ब्लैक टॉप' के पास से स्ट्रक्चर बनाने की मशीन के साथ चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के करीब 300 सैनिकों की हलचल देखी थी. 'ब्लैक टॉप' चुसुल सेक्टर की सामरिक रूप से बहुत अहमियत वाली जगह है, जहां से पैन गॉन्ग लेक के दक्षिणी तट से सटे भारतीय पोस्ट पर निगरानी रखी जा सकती है. (इकनॉमिक टाइम्स, मनु पबी)
'ब्लैक टॉप' भारतीय हिस्से वाले LAC में मौजूद है. इसलिए भारतीय सेना की टुकड़ियां आस-पास के पोस्ट से जमा हो गईं ताकि ऊंचाई पर स्थित जगह पर कब्जा जमाया जा सके और झील के दक्षिणी हिस्से की तरफ चीनी मूवमेंट को रोका जा सके. (इकनॉमिक टाइम्स, मनु पबी)
रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद इंडियन आर्मी ने चीनी आर्मी को उस इलाके में आने से रोका और चुसुल के रेजांग ला और राजिन ला इलाकों में अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गईं. इसके साथ ही T-90 टैंक को भी संवेदनशील स्पांगुर दर्रे में तैनात किया गया.
'ब्लैक टॉप' LAC पर भारतीय नजरिए से सही स्थान पर है. इसीलिए, भारतीय सेना ने नजदीक पोस्ट्स को तैयार किया, जिससे पूरे इलाके की चोटियों तक पहुंच बनाई जा सके और लेक के साउथ में चाइनीच मूवमेंट को रोक सकें. (इकनॉमिक टाइम्स, मनु पबी)
भारतीय सेना ने कथित तौर पर क्षेत्र में एक संभावित चीनी घुसपैठ को रोक दिया, अतिरिक्त सैनिकों को चुशूल में रेजांग ला और रेकिन ला पर तैनात किया गया और टी -90 टैंकों की एक रेजिमेंट को कमजोर स्पैंगगेट पास में ले जाया गया. (इकनॉमिक टाइम्स, मनु पबी)
सैकड़ों चीनी सैनिकों की आवाजाही, जिन्होंने LAC पर भारतीय इलाके को पार किया, उन्होंने हेलमेट टॉप नामक एक पहाड़ पर कब्जा कर लिया और किलेबंदी शुरू कर दी, जो तीन महीने की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत की विफलता की गवाही थी. जिसमें कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख से चीन अपने सैनिकों को वापस लेने के लिए राजी हो गया है. (बिजनेस स्टैंडर्ड/अजय शुक्ला)
सरकारी सूत्रों के मुताबिक ये झड़प उसके बाद हुई जब भारतीय जवानों ने थाकुंग पोस्ट के नजदीक हस्तक्षेप किया. ऐसा करके भारतीय सेना ने पीएलए को वहां पर अपना डिफेंस मजबूत करने से रोका. (बिजनेस स्टैंडर्ड / अजय शुक्ला)
सूत्रों ने जानकारी दी है कि PLA अब हेलमेट टॉप पर कब्जा कर रहा है, साथ ही इसके करीब स्थित ब्लैक टॉप पर भी चीन कब्जा चाहता है, लेकिन ये दोनों ही एलएसी पर भारत की तरफ हैं. "इन दोनों चोटियों से चीनी सैनिक पैंगोंग झील के पार और भारतीय नजरिए से महत्वपूर्ण चुशूल में सेना के कैंप और भारतीय मूवमेंट को देख सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं." (बिजनेस स्टैंडर्ड/अजय शुक्ला)
- पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर, PLA ने LAC अपने फायदे के लिए 8 किलोमीटर शिफ्ट कर दिया है, फिंगर 8 से फिंगर 4. [बिजनेस स्टैंडर्ड / अजय शुक्ला]
- चीनी एक वापसी योजना के बावजूद हॉट स्प्रिंग - गोगरा क्षेत्र में अपनी अच्छी पकड़ बनाए हुए हैं. [बिजनेस स्टैंडर्ड / अजय शुक्ला]
- चीनियों ने Reqin वैली की पहचान की है जो इंडियन आर्मी के कंट्रोल में है. इसके बाद इंडियन आर्मी के जवान Spanggur में चीनी चौकियों पर हावी हो सकते हैं. भारत करीब 4 किलोमीटर अंदर होगा. [ट्विटर / विष्णु सोम]
- एक सूत्र ने द प्रिंट को बताया, चीनी ने इन ऊंचाइयों पर कब्जा करने की योजना बनाई थी, जिससे उन्हें फायदा मिलता. हालांकि, पीएलए ने ऐसी किसी योजना से इनकार किया है. [द प्रिंट / स्नेहेश एलेक्स फिलिप]
- इंडियन आर्मी अब ऊंचाइयों पर नियंत्रण कर रही है, अतिरिक्त जवान भी ट्रांसफर किए गए हैं. जिन्हें चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तैनात किया गया था. [द प्रिंट / स्नेहेश एलेक्स फिलिप]
- इस तथ्य के बावजूद कि जुलाई से भारत और चीन के बीच औपचारिक बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है, चीन ने LaC पर हेलीपोर्ट्स, सर्फेस टू एयर मिसिइल साइट्स समेत कंस्ट्रक्शन का काम जारी रखा है. [द प्रिंट / स्नेहेश एलेक्स फिलिप]
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