महाराष्ट्र(Maharashtra's) की महा विकास अघाड़ी - (शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ) राज्य की 48 सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है. मंगलवार (9 जनवरी) शाम को एक बैठक के बाद, शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि उनका मुस्कुराना इस बात का "संकेत" था कि बैठक कैसी रही. लगभग तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद राउत ने संवाददाताओं से कहा कि हम सभी एक साथ हैं और एकजुट रहेंगे. हमने प्रत्येक सीट पर चर्चा की है.
हम साथ चुनाव लड़ेंगे: कांग्रेस
कांग्रेस के राज्य प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा, "इंडिया ब्लॉक में सीटों की घोषणा करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य होगा. शिवसेना और एनसीपी से कुछ लोग अलग हुए हैं, लेकिन वोटर अब भी उद्धव गुट और एनसीपी के साथ है. हम चुनाव में साथ रहेंगे."
उधर, उत्तर प्रदेश की बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने कहा कि चीजें "सही दिशा" में जा रही हैं. उन्होंने इसे "अच्छी बैठक" बताते हुए कहा, "हम एक ही विचार पर हैं, मुझे लगता है कि हम बहुत अच्छी तरह से संवाद कर सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच केमिस्ट्री विकसित होने की संभावना है, उन्होंने कहा कि यह उनकी कल्पना से परे है. उन्होंने कहा, "हमें बस दृढ़ रहने और इसे आगे ले जाने की जरूरत है.
कांग्रेस के लिए, समाजवादी पार्टी, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के साथ सीट-बंटवारे पर चर्चा आसान होने की संभावना नहीं है. तीनों दलों ने संकेत दिया है कि वे साझेदारी के लिए तैयार नहीं हैं, खासकर समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में मिली हार के बाद तो कड़े रूख अपनाए हैं.
समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के लिए कांग्रेस से छह सीटों की मांग की थी, जिसे तत्कालीन पार्टी प्रदेश प्रमुख कमल नाथ ने ठुकरा दिया था.
पश्चिम बंगाल में भी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि ये उनकी ही पार्टी है, जो राज्य में बीजेपी को हरा सकती है. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने डेरेक ओ'ब्रायन से संपर्क किया है, उम्मीद है कुछ अच्छा होगा. बंगाल में कांग्रेस कम से कम पांच सीटें चाहेगी, लेकिन ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वो कोई पेशकश करने को तैयार नहीं हैं. हालांकि इस मामले पर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई चर्चा नहीं हुई है.
AAP के साथ कांग्रेस की बातचीत भी अधर में है. पार्टी दिल्ली में चार और पंजाब में सात सीटें चाहती है, लेकिन आप इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. दिल्ली और पंजाब दोनों में सत्तारूढ़ दल सीटों का बड़ा हिस्सा चाहता है. सूत्रों ने बताया कि AAP गोवा, हरियाणा और गुजरात में भी चुनाव लड़ना चाहती है.
इधर बिहार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने शुरुआती बातचीत कर ली है. नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड राज्य की 40 सीटों में से 17 से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है. संभावना है कि राजद भी 2015 विधानसभा चुनाव के फॉर्मूले के अनुरूप 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. पांच सीटें कांग्रेस और एक सीट सीपीआई-एमएल के खाते में जा सकती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)