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देश मना रहा है संविधान दिवस, जानिए क्या है हमारे संविधान की खासियत

अब तक किए गए सिर्फ 98 संशोधनों की वजह से भारतीय संविधान को दुनिया का सर्वश्रेष्‍ठ संविधान माना जाता है

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आज 26 नवंबर को पूरा देश संविधान दिवस मना रहा है. आज ही के दिन संविधान सभा ने इसे पारित किया था. सरकार ने 19 नवंबर, 2015 को राजपत्र अधिसूचना की सहायता से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था.

भारत सरकार ने आज के दिन सभी सरकारी अधिकारियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के निर्देश दिए हैं. ताकि सभी को भारतीय संविधान की आत्मा के बारे में जानकारी हो सके.

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इस तरह बना हमारा संविधानः

  • भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए एक संविधान सभा का निर्माण किया गया था.
  • इस सभा के स्थायी अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद चुने गए थे.
  • संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की.
  • इसकी बैठकों में शामिल होने के लिए जनता और प्रेस को पूरी स्वतंत्रता थी.
  • भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है.
  • इसमें 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां हैं. यह 22 भागों में विभाजित है.

क्यों खास है हमारा संविधान?

देश का संविधान न तो टाइप किया गया था और न ही प्रिंट किया गया था. इसे हाथ से अंग्रेजी और हिंदी भाषा में लिखा गया था. इसकी वास्तविक प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखी थी. इसे इटैलिक स्टाइल में खूबसूरती से लिखा गया था और हर पेज को शांति निकेतन के कलाकारों ने खूबसूरती से सजाया था.

संविधान में लिखा है कि भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं होगा. यह ना तो किसी धर्म को बढ़ावा देता है और ना ही किसी से भेदभाव करता है. भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, पद, अवसर और कानूनों की समानता, विचार, भाषण, विश्वास, व्यवसाय, संघ निर्माण और कार्य की स्वतंत्रता, कानून और सार्वजनिक नैतिकता के अधीन प्राप्त होगी.

हाथों से लिखे गए संविधान पर 24 जनवरी 1950 को हस्ताक्षर किए गए थे. इस पर 284 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे, जिनमें 15 महिला सांसद थीं. इसके बाद 26 जनवरी से ये संविधान पूरे देश में लागू हो गया. संविधान की आत्मा कहे जाने वाली प्रस्तावना को अमेरिकी संविधान से लिया गया है. दोनों ही देशों में संविधान की शुरुआत "We the people" से होती है.

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