भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में तनाव कम करने को लेकर महीनों से बातचीत चल रही है. हालांकि, कई तनावपूर्व क्षेत्रों (India China Border Dispute) पर अभी तक बात नहीं बन पाई है. लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में एक महत्वपूर्ण पैट्रॉल पॉइंट पर डिसएंगेजमेंट के लिए सैद्धांतिक रूप से राजी हो गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 31 जुलाई को हुई 12वें दौर की कॉर्प्स कमांडर-स्तर की बातचीत में PP17A पर सहमति बनी. बातचीत चुशुल-मोल्डो सीमा पर भारतीय तरफ हुई थी.
खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि चीन PP17A या गोगरा पोस्ट से पीछे हटने के लिए राजी हो गया है. हालांकि, चीन PP15 या हॉट स्प्रिंग्स एरिया से पीछे जाने का 'इच्छुक नहीं' है.
एक अधिकारी ने कहा, "सहमति को एक रूप दिया जा रहा है. लेकिन PP17A पर डिसएंगेज होना पक्का हुआ है. PP15 पर चीन का कहना है कि वो अपनी तरफ की LAC पर बैठा है."
एक्सप्रेस की रिपोर्ट का कहना है कि प्रस्ताव अब सरकार के पास है और सेना कैसे हटेगी, इस पर चर्चा हो रही है. अधिकारियों ने कहा कि सेना का मूवमेंट अगले कुछ दिनों में शुरू हो सकता है.
देपसांग पर नहीं हुई चर्चा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि देपसांग और देमचोक इलाके में चार्डिंग-निंगलुंग नल्लाह (CNN) में चीन के घुस आने पर चर्चा नहीं हुई थी. हालांकि, 12वें दौर की बैठक में PP17A पर सहमति बनने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि महीनों से गतिरोध बना हुआ था.
देपसांग में चीनी सेना भारत को उसके पारंपरिक पैट्रॉल पॉइंट PP10, PP11, PP11A, PP12 और PP13 तक जाने से रोक रही है. एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि देमचोक में 'कथित नागरिकों' ने चार्डिंग नल्लाह में भारतीय तरफ टेंट लगा लिए हैं.
भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने 31 जुलाई को लगभग नौ घंटे तक बातचीत की थी. अब तक 12 दौर की कमांडर-स्तरीय वार्ता के अलावा, दोनों देशों ने 10 मेजर जनरल स्तर, 55 ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता और हॉटलाइन पर 1,450 कॉल भी की हैं.
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