उत्तरी सिक्किम सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने आ गए. उनके बीच हुई झड़प में दोनों देशों के सैनिक जख्मी हुए हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी ने इस झड़प की पुष्टि की है. शनिवार को हुए इस टकराव में 11 सैनिक जख्मी हो गए, टकराव के वक्त कुल मिलाकर टकराव के 150 सैनिक वहां मौजूद थे, जिसे बाद में स्थानीय स्तर पर हल किया गया.
टकराव नाकु ला सेक्टर में हुआ जो मुगुथांग से आगे है और 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है.
रिपोर्ट में बयान के आधार पर कहा गया है कि अस्थायी और कम समय की ये झड़पें यहां होती रहती हैं, जिसमें दोनों ही पक्षों के कुछ सैनिक मामूली रूप से जख्मी हो जाते हैं.
न्यूज एजेंसी IANS ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि झड़प की इस घटना में दोनों पक्षों की ओर से आक्रामक व्यवहार हुआ और हल्की चोटें आईं. स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद उन्हें सुलझा दिया गया. सैनिकों ने इस तरह के मुद्दों को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार पारस्परिक रूप से हल किया है.
द ईस्टर्न लिंक को एक आर्मी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर इस घटना की जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा, "हमें किसी भी कीमत पर गोली न चलाने के आदेश मिले हैं. इसलिए चीन के जवानों के साथ हमारी हाथापाई हो गई. घायल होने वालों में से एक चीनी मेजर भी है."
अधिकारी ने बताया कि ईस्टर्न आर्मी हेडक्वार्टर्स ने स्थिति संभालने के लिए चीनी मेजर पर हाथ उठाने वाले एक भारतीय अफसर को इलाके से हटा दिया है.
73 दिन तक चला था डोकलाम विवाद
बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर इस तरह के टकराव हुए हैं. अगस्त 2017 में, भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके थे और लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास मारपीट की थी.
इस झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया था क्योंकि यह उस समय हुआ था जब सिक्किम में डोकलाम क्षेत्र को लेकर गतिरोध बना हुआ था. साल 2017 में भारत और चीनी सेना सिक्किम क्षेत्र की सीमा के पास डोकलाम में सड़क निर्माण कार्य की वजह से आमने-सामने आ गई थी. भारतीय सेना ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यहां सड़क निर्माण बंद करवा दिया था और भूटान ने क्षेत्र पर दावा किया था. भारतीय और चीनी सेना 73 दिनों तक आमने-सामने आ गई थी. दोनों देशों के अपनी सेनाओं को पीछे करने के फैसले के बाद 28 अगस्त को यह मामला सुलझ गया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने हालांकि बाद में कहा था कि यहां पुरानी स्थिति बनी हुई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)