भारत और चीन (India and China) पूर्वी लद्दाख के गोगरा पोस्ट (PP17A) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को बहाल करने के लिए सहमत हो गए हैं और समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से इस क्षेत्र में सैनिक बलों की तैनाती बंद कर दी है. 4 और 5 अगस्त के बीच सेनाएं गोगरा पोस्ट से पीछे हट गई हैं और दोनों पक्षों की सेना अब अपने-अपने स्थायी बेस में हैं. यह जानकारी भारतीय सेना ने 6 अगस्त को एक बयान जारी करके दी.
इसके अलावा भारत-चीन के बीच मौजूदा सीमा विवाद को हल करने में हुई प्रगति को सूचीबद्ध करते हुए यह भी बताया गया कि पिछले साल की हिंसक झड़प के बाद से दोनों तरफ से स्थापित सभी अस्थायी संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया है.
गोगरा पोस्ट पर बनी सहमति के बाद भारत और चीन अब छह फ्लैशप्वांइट में से चार पर पीछे हट गए हैं. डेपसांग और हॉटस्प्रिंग में अभी भी सेनाएं एक-दूसरे के सामने हैं.
किन बातों पर बनी सहमति?
गोगरा पोस्ट(PP17A) पर पीछे हटने का समझौता पिछले हफ्ते हुई कोर कमांड स्तरीय वार्ता के 12वें दौर के बाद हुआ था. यह मीटिंग, जो पिछले 15 महीनों के गतिरोध को हल करने का नवीनतम प्रयास था, चुशूल-मोल्दो बॉर्डर के भारतीय हिस्से में आयोजित की गयी थी.
भारतीय सेना द्वारा जारी बयान के अनुसार,
"जैसा कि इस सप्ताह की शुरुआत में बताया गया था, भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच बारहवें दौर की वार्ता 31 जुलाई 2021 को पूर्वी लद्दाख के चुशूल-मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर हुई थी"
भारतीय सेना ने बताया कि "दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीछे हटने से संबंधित बचे हुए क्षेत्रों पर विचार किया. बैठक के परिणाम के रूप में, दोनों पक्ष गोगरा के क्षेत्र में पीछे हटने पर सहमत हुए. इस क्षेत्र में सैनिक पिछले साल मई से एक दूसरे के सामने हैं".
"दोनों पक्षों द्वारा क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त कर दिया गया है और दोनों तरफ से सत्यापित किया गया है. क्षेत्र में लैंडफॉर्म अब गतिरोध के पहले की स्तिथि में है. आईटीबीपी के साथ भारतीय सेना देश की संप्रभुता सुनिश्चित करने और पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है'.भारतीय सेना
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