भारत-चीन सीमा विवाद के बीच देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारतीय सेना हर स्थिति के लिए तैयार है. रक्षा पर संसदीय समिति को CDS रावत ने बताया कि सेना चीन के हर कदम को नाकाम करने में सक्षम है. समिति की बैठक में पहली बार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी पहुंचे थे. गांधी लगातार केंद्र सरकार पर चीन विवाद को लेकर हमला बोल रहे हैं.
जनरल रावत ने समिति को बताया, "आर्म्ड फोर्सेज ने चीन की LAC पर यथास्थिति को बदलने की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए उचित कदम उठाए हैं."
CDS रावत ने दावा किया कि सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं और सीमा पर अगर कोई गतिविधि होती है तो वो चीन को मुंहतोड़ जवाब देंगे. रावत ने ऐसा ही दावा इसी महीने की शुरुआत में यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम में भी किया था.
CDS बिपिन रावत का ये बयान भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की रूस में हुई मुलाकात के बाद आया है. एस जयशंकर ने मॉस्को में SCO समिट के दौरान वांग यी से सीमा पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत की. सरकार ने बताया कि जयशंकर ने कई मुद्दों के अलावा ‘LAC पर चीन के जवान और इक्विपमेंट बढ़ाने’ पर भारत की चिंता जाहिर की.
विदेश मंत्रियों की बैठक में क्या हुआ?
बातचीत के बाद भारत और चीन पांच सूत्री सहमति पर पहुंचे, जिसमें शांति बरकरार रखने, बातचीत करने और सेनाओं के पीछे हटने पर जोर दिया गया.
भारत और चीन की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, "दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने पर नेताओं की आम सहमति की सीरीज से मार्गदर्शन लेना चाहिए, मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने देना चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. वे इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों पक्षों के सीमा सैनिकों को अपनी बातचीत जारी रखनी चाहिए, जल्दी से पीछे हटना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और तनाव कम करना चाहिए."
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