ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत-चीन तनाव पर ITBP और BSF के DG बोले-देश की सारी जमीन हमारे पास

11 जुलाई को विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत और चीन तनाव कम करने को राजी हो गए हैं

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सेक्टर में सीमा पर तनाव चल रहा है. फिलहाल चीन और भारत की सेनाएं कुछ किलोमीटर पीछे हट गई हैं लेकिन हालात अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं है. 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद से स्थिति तनावपूर्ण है. अब लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी स्टैंडऑफ पर ITBP और BSF के डायरेक्टर जनरल ने बयान दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ITBP और BSF के डायरेक्टर जनरल सुरजीत सिंह देशवाल ने कहा है कि देश की सारी जमीन हमारे पास है. 12 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देशवाल ने कहा, "हमारे देश का जितना भी लैंड है वो हमारे पास ही है."

इससे पहले न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए देशवाल ने कहा था कि भारत अपनी जमीन की रक्षा करने के लिए पूरी तरह समर्थ है.

स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है, मिलिट्री लेवल और डिप्लोमेटिक लेवल पर कोशिशें की जा रही हैं, बाइलेटरल मीटिंग भी हो रही हैं. जो हमारा है, देश उसकी रक्षा करने में पूरी तरह समर्थ है, हर परिस्थिति में. 
सुरजीत सिंह देशवाल, ITBP और BSF के डायरेक्टर जनरल 

देशवाल का ये बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन सीमा तनाव कम करने को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

15 और 16 जून की रात में गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. तनाव कम करने की प्रक्रिया में चीन के सैनिकों ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी और इसे रोकने गए भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया गया था.

'सीमा पर तनाव कम करने पर काम जारी'

11 जुलाई को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव कम करने को राजी हो गए हैं और सीमावर्ती इलाकों में इस पर काम जारी है.

इंडिया ग्लोबल वीक 2020 के एक वर्चुअल सेशन में जयशंकर ने कहा, "हम तनाव कम करने पर राजी हो गए हैं क्योंकि सेनाएं बहुत पास-पास तैनात हैं. डिसएंगेजमेंट और डिएस्केलेशन की प्रक्रिया पर सहमति बनी है और ये शुरू हो गया है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×