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भारत के चुनाव में चीन AI को बना सकता है 'हथियार', क्या इस तकनीक में नतीजे बदलने की ताकत है?

Microsoft report on China: माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के साथ-साथ अमेरिका और साउथ कोरिया के चुनावों को लेकर भी खास तौर से चेतावनी जारी की है.

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भारत
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भारत में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होनी है. इन चुनावों पर चीन (China) की नजर है. अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) की ओर से जारी चेतावनी के मुताबिक भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया के चुनावों को बाधित करने के लिए चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर सकता है. चीन पर ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के लिए AI का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगा है.

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माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम की ओर से शुक्रवार, 5 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस अमेरिकी टेक फर्म ने कहा कि उसे उम्मीद है कि चीनी सरकार समर्थित साइबर समूह 2024 में होने वाले हाई-प्रोफाइल चुनावों को निशाना बनाएंगे. चीन के साथ इसमें उत्तर कोरिया भी शामिल होगा.

"जैसा की भारत, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका चुनाव की ओर बढ़ रहा है, हमें आशंका है कि चीनी साइबर और प्रभाव डालने वाले लोग और कुछ हद तक उत्तर कोरियाई साइबर टीम इन चुनावों को प्रभावित कर सकती है."

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि चीन "कम से कम" AI की मदद से कंटेंट बनाएगा और उसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर करेगा जो "इन हाई-प्रोफाइल चुनावों में उसे फायदा पहुंचाएगा".

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने अपने सैन्य लक्ष्यों और खुफिया संग्रह को वित्त पोषित करने और आगे बढ़ाने के लिए अपनी क्रिप्टोकरेंसी डकैतियों और आपूर्ति श्रृंखला हमलों को बढ़ा दिया है. उत्तर कोरिया ने अपने संचालन को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के लिए AI का उपयोग करना भी शुरू कर दिया है.

रिपोर्ट की 3 बड़ी बातें

  1. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) से जुड़े लोगों के फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए अमेरिकी मतदाताओं को बांटने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए विवादास्पत मुद्दों को उठाया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले इसका इस्तेमाल मतदाताओं से जुड़ी खुफिया जानकारी जुटाने के लिए हो सकता है.

  2. हाल के महीनों में चीन द्वारा AI से बने कंटेंट का उपयोग बढ़ गया है. इसके जरिए अमेरिका और अन्य जगहों विभाजन पैदा करने की कोशिश हो रही है.

  3. चीन की भू-राजनीतिक प्राथमिकताएं नहीं बदली हैं, लेकिन उसने अपने लक्ष्यों को दोगुना कर दिया है और इन्फ्लुएंस ऑपरेशन (IO) को बढ़ा दिया है. दक्षिण प्रशांत द्वीप समूह, दक्षिण चीन सागर क्षेत्र और अमेरिकी रक्षा औद्योगिकी बेस चीन की प्राथमिकताओं में शामिल है.

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AI की मदद से चुनाव को कैसे प्रभावित किया जा सकता है?

चीन ने जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान AI की मदद से दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी. वो पहली बार था जब चीन ने विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए AI कॉन्टेंट का इस्तेमाल किया था. माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी कि इस साल चीन का टारगेट ताइवान से आगे भी बढ़ सकता है.

  • रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सोशल मीडिया के जरिए AI से बने कॉन्टेंट को फैलाएगा. ये ऐसा कॉन्टेंट होगा जो चीन को फायदा पहुंचाने में मदद करेगा.

  • इस कॉन्टेंट से चुनावों के नतीजों पर असर पड़ने की संभावना फिलहाल कम है. हालांकि अगर ऐसा ही जारी रहा तो भविष्य में इसका असर भी दिख सकता है.

  • चीन मतदाताओं को प्रभावित करके चुनाव को बाधित करने के लिए AI से बना ऑडियो और वीडियो का उपयोग बढ़ाएगा.

  • बीजिंग समर्थित समूह स्टॉर्म 1376, जिसे स्पामौफ्लेज या ड्रैगनब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, ताइवान के चुनाव के दौरान अत्यधिक सक्रिय था.

  • ताइवान चुनाव को प्रभावित करने के उम्मीदवारों के फेक वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किए गए थे. माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक फेक वीडियो AI के जरिए बनाए गए थे. हालांकि, यूट्यूब ने इसे हटा दिया था.

माइक्रोसॉफ्ट के रिपोर्ट के बाद आशंका जाताई जा रही है कि चीन चुनावों को प्रभावित करने के लिए ऐसे ही वीडियो भारत सहित अन्य देशों में भी फैला सकता है.
  • बीजिंग समर्थित समूह ने ताइवान चुनाव में एक सफल उम्मीदवार की AI से बनी मीम्स को शेयर किया, जिसमें उम्मीदवार के खिलाफ कई निराधार दावे किए गए थे.

  • AI जेनरेटेड टीवी न्यूज एंकरों का उपयोग किया गया था. एक ऐसी रणनीति जिसका उपयोग ईरान द्वारा भी किया गया है.

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि न्यूज एंकर कैपकट टूल द्वारा बनाए गए थे, जिसे टिकटॉक की मालिक चीनी कंपनी बाइटडांस द्वारा विकसित किया गया है.
  • हाल में हमने बॉलीवुड अभिनेत्रियों के 'डीपफेक' वीडियो देखे हैं. चुनावी सीजन में राजनेताओं के ऐसे ही 'डीपफेक' वीडियो और AI की मदद से बनाए गए फेक कंटेंट चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं.

  • इस तरह के कंटेंट का उद्देश्य उम्मीदवारों के बयानों, विभिन्न मुद्दों पर रुख और यहां तक ​​कि कुछ घटनाओं को लेकर जनता को गुमराह करना हो सकता है.

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चीनी साइबर कंपनी भारत को करती रही है टारगेट

रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लैक्स टाइफून नाम की एक चीनी साइबर कंपनी ने US-फिलीपींस सैन्य अभ्यास से जुड़ी संस्थाओं को निशाना बनाया और 2023 में फिलीपींस, हांगकांग, भारत और अमेरिका में इकाइयों को भी टारगेट किया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में, एक चीनी सरकार से जुड़े हैकर समूह ने "PMO" (संभवतः प्रधानमंत्री कार्यालय), गृह मंत्रालय, रिलायंस और एयर इंडिया जैसे व्यवसायों सहित भारत सरकार के प्रमुख कार्यालयों को टारगेट करने का दावा किया था.

वाशिंगटन पोस्ट की जांच से पता चला कि हैकर्स ने भारत सरकार के 95.2 गीगाबाइट इमिग्रेशन डाटा का भी उल्लंघन किया. लीक हुई फाइलें GitHub पर पोस्ट की गई थीं.

फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2023 में फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा ने बताया कि उसने एक चीनी दुष्प्रचार अभियान को रोका था. जानकारी में यह "दुनिया में सबसे बड़ा क्रॉस-प्लेटफॉर्म कोवर्ट इंफ्लुएंस ऑपरेशन" था. 7,700 से अधिक अकाउंट और 930 पेज फेसबुक ने हटाए थे.

भारत में लोकसभा चुनाव कब से?

भारत में आम चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होने वाले हैं. चुनावी प्रक्रिया सात चरणों में होगी. पहला चरण 19 अप्रैल को, उसके बाद 26 अप्रैल को दूसरा चरण, 7 मई को तीसरा चरण, 13 मई को चौथा चरण, 20 मई को पांचवां चरण, 25 मई को छठा चरण, 1 जून को सातवें चरण के साथ ही वोटिंग खत्म हो जाएगी. इसके बाद 4 जून को काउंटिंग होगी. बता दें कि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होने वाला है.

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