ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारतीयों पर हो रहे तीन गुना ज्यादा साइबर अटैक, ऐसे करते हैं काम

भारत में एक संस्थान पर 6 महीनों में हर हफ्ते औसतन 1,565 बार साइबर अटैक किया जा गया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पूरी दुनिया की तुलना में भारत के लोगों को औसतन तीन गुना अधिक साइबर अटैक का सामना करना पड़ा है, जिसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी माइनिंग मैलवेयर सबसे ज्यादा संस्थाओं को प्रभावित करता है ऐसा एक रिपोर्ट में कहा गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इजरायल स्थित फर्म चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी ने साल 2019 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, अधिकांश हमले ऑनलाइन माध्यम से भारतीय कंपनियों पर किए गए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है “वैश्विक स्तर पर प्रति संस्थान 474 साइबर अटैक की तुलना में भारत में एक संस्थान पर पिछले 6 महीनों में हर हफ्ते औसतन 1,565 बार साइबर अटैक किया जा गया है. वैश्विक स्तर पर 35 फीसदी दुर्भावनापूर्ण फाइलों की तुलना में, भारत में 93 प्रतिशत फाइलों को वेब के जरिए बांटा गया था.

कुंडनकुलम पावर प्लांट पर हुआ था साइबर अटैक

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हुए साइबर अटैक भारत में बड़े साइबर अटैकों में से एक है, जो डाटा एक्सट्रैक्शन के लिए मैलवेयर बनाया गया था. एक्सपर्ट ने इस मैलवेयर को उत्तर कोरिया के ग्रुप लॉजर से जोड़ा था, जिससे ऑपरेशनल सिस्टम के बजाए कंप्यूटर के बाहरी नेटवर्क पर इफेक्ट पड़ा था.

रिपोर्ट में कहा गया है, “उजागर किए गए डेटा में नाम, ईमेल, मोबाइल फोन नंबर, शिक्षा विवरण, पेशेवर जानकारी और वर्तमान वेतन शामिल हैं. भारी मात्रा में जानकारी के बावजूद, डेटाबेस को एक सही जगह पर जोड़ा नहीं जा सका.”

XMRig मैलवेयर ने किया सबसे ज्यादा प्रभावित

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय संस्थान सबसे अधिक XMRig मैलवेयर से प्रभावित हुए हैं, जो कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करते हैं यानी की पैसों का काम ऑनलाइन करते हैं. XMRig मैलवेयर ने भारत के 17 प्रतिशत संस्थानों को प्रभावित किया है.

चेक प्वाइंट ने कहा कि शेड रैंसमवेयर जो हमेशा रूस के लोगों को टारगेट करता है. हाल ही में अंग्रेजी भाषा स्पैम से संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, भारत, थाईलैंड और कनाडा फैल गया है. रैंसमवेयर कंप्यूटर पर अपना कब्जा जमा लेते हैं और इसे अनलॉक करने के लिए पैसे की मांग करता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×