भारत एक ऐसा देश है जहां पर 98 फीसदी ट्रांजेक्शन(लेनदेन) नकदी के रूप में होता है. साथ ही पूरे कारोबार का 68 फीसदी रकम नकदी में आती है.
सरकार द्वारा 500-1000 रुपए के नोटों पर रोक लग जाने से देश के ये 98 फीसदी ट्रांजेक्शन और 68 फीसदी कारोबार से आने वाले कैश पर रोक लग रही है. सरकार को बाजार में इस नकदी को लाने में कम से कम तीन हफ्ते का समय लगेगा.
भारत की नकदी इकॉनोमी
आपको बता दें, PWC 2015 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लोग 98 फीसदी ट्रांजेक्शन कैश में ही होते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर कुल 100 ट्रांजेक्शन हुए हैं तो 98 लेनदेन नकदी देकर हुए हैं और 2 लोगों ने ही लेन देन के लिए बैंक सेवा का इस्तेमाल किया है.
इसके अलावा, देश में कुल 68 फीसदी कारोबार भी नकदी में ही होता है. उदाहरण के तौर पर अगर देश में कुल 1000 रुपये का कारोबार हुआ है तो 680 रुपए का कारोबार नकदी के रूप में हुआ है और बाकी 320 रुपए का कारोबार ऑनलाइन हुआ है.
देखिए दूसरे बड़े देशों में नकदी में होने वाले ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट-
चीन की नकदी इकॉनोमी
चीन में भी ज्यादातर ट्राजेक्शन नकदी से ही होती है. चीन में नकदी ट्रांजेक्शनों की संख्या 90 फीसदी है जो कि भारत से बस थोड़ा सा कम है. लेकिन चीन में नकदी कारोबार भारत से बहुत कम मात्र 45 फीसदी ही है.
जापान की नकदी इकॉनोमी
जापान के लोगों की औसत सलाना आय लगभग 50,000 डॉलर यानी कि करीब 32 लाख रुपए है, जोकि भारत से बहुत अधिक है. लेकिन फिर भी जापान में कुल ट्रांजेक्शनों की संख्या 86 फीसदी है. जापान में कुल कारोबार का 43 फीसदी नकदी के रूप में होता है. जापान विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन जापान की अर्थव्यवस्था स्थिर नहीं रहती.
संयुक्त राज्य अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया की महाशक्ति और विकसित देश माना जाता है. यह भूमि क्षेत्रफल में चौथा सबसे बड़ा देश है लेकिन अमेरिका की जनसंख्या भारत के मुकाबले बहुत कम है.
फिर भी अमेरिका में ट्रांजेक्शनों की संख्या आधे से ज्यादा 55 फीसदी नकदी में ही होता है. ट्रांजेक्शनों की संख्या भले ही ज्यादा है लेकिन नकदी के रूप में कारोबार बहुत कम मात्र 14 फीसदी ही है.
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