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26 जनवरी पर ट्रंप बन सकते हैं चीफ गेस्ट, भारत ने भेजा न्योता 

साल 2015 में ओबामा बन चुके हैं चीफ गेस्ट 

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भारत
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हर साल 26 जनवरी के परेड समारोह में भारत किसी न किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाता है. ऐसे में इस बार ये न्योता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजा गया है.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से ये खबर छापी है कि भारत ने 2019 के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्योता भेजा है. फिलहाल न्योता स्वीकारने को लेकर अमेरिका की तरफ से इसपर कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने ट्रंप के चीफ गेस्ट बनने को लेकर अप्रैल में ही न्योता भेजा था. जिसपर अभी ट्रंप प्रशासन विचार कर रहा है.

ओबामा बन चुके हैं चीफ गेस्ट

बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2015 की गणतंत्र दिवस परेड में न्योता दिया था. बराक ओबामा ने मोदी सरकार के निमंत्रण को स्‍वीकार कर चीफ गेस्ट के तौर पर गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में शामिल हुए थे. ओबामा के उस दौरे की काफी चर्चा हुई थी. वो अपनी पत्नी और तब की मिशेल ओबामा के साथ भारत आए थे.

साल 2015 में ओबामा बन चुके हैं चीफ गेस्ट 

उसके बाद साल 2016 में अबु धाबी के प्रिंस मोहम्मद बिन जाएद गणतंत्र दिवस समारोह के चीफ गेस्ट बनकर आए थे.

भारत अमेरिका के रिश्ते

बता दें कि अमेरिका और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते ओबामा के दौर की तरह मजबूत नहीं हैं, चाहे मामला एच1बी वीजा का हो या फिर ईरान-भारत-यूएस के तेल से जुड़े मसलों का हो या फिर ट्रेड टैरिफ की बात हो. ऐसे में अगर ट्रंप भारत के न्योता का स्वीकार करते हैं तो ये मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखी जा सकती है.

हालांकि अबतक केंद्र सरकार की तरफ से इसकी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.

2017 में ASEAN देशों के 10 नेता थे चीफ गेस्ट

भारत के 69वें गणतंत्र दिवस में आसियान के 10 देशों के नेताओं और शासनाध्यक्षों ने चीफ गेस्ट के रूप में हिस्सा लिया था.

साल 2015 में ओबामा बन चुके हैं चीफ गेस्ट 

इसमें आसियान देशों के नेताओं और राष्ट्राध्यक्षों में म्‍यांमार की स्‍टेट काउंसलर आंग सांग सू ची, मलेशिया के प्रधानमंत्री अब्‍दुल रजाक, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन, ब्रूनेई के सुल्‍तान हाजी-हसनल वदाउल्‍लाह, इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति जोको विदोदो, थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रयुत छान-ओ-चा, फिलीपीन के राष्‍ट्रपति रोड्रिगो रोआ डूतरेत, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग, वियतनाम के प्रधानमंत्री नग्‍युएन जुआन फूक और लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री थोंगलोंन सिसोलिथ शामिल हुए थे.

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