भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) ने 1 जनवरी को अपने परमाणु केंद्रों (Nuclear Installations) की सूची का आदान-प्रदान एक समझौते के तहत किया. यह समझौता दोनों देशों को हर साल 1 जनवरी तक इससे जुड़ी जानकारियों को शेयर करने के लिए बाध्य करता है.
दोनों देशों ने इसके साथ ही एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की लिस्ट का भी आदान-प्रदान किया. भारत ने नागरिक कैदियों, लापता भारतीय सैन्य कर्मियों और मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग की.
भारत में फिलहाल 282 पाकिस्तानी नागरिक कैदी और 73 मछुआरे हिरासत में हैं. दूसरी ओर, पाकिस्तान की हिरासत में 51 नागरिक कैदी और 577 मछुआरे हैं जो या तो भारतीय हैं या जिनको वो भारतीय मानता है.
तीन दशक पुराना परमाणु समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु केंद्रों के खिलाफ हमले को रोकने से संबंधित समझौते के तहत इस जानकारी का आदान-प्रदान किया गया है. इस समझौते पर दोनों देशों ने 31 दिसंबर, 1988 को साइन किया था.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार, 1 जनवरी को एक बयान में कहा कि "भारत और पाकिस्तान ने आज नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से, भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और फैसिलिटी के खिलाफ हमले के निषेध पर समझौते के तहत शामिल परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया."
इस परमाणु समझौते के तहत, दोनों देशों को 1 जनवरी को अपने परमाणु केंद्रों के अक्षांश और देशांतर (कोआर्डिनेट) के बारे में सूचित करना है.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का लगातार 31 वां आदान-प्रदान है, जो पहली जनवरी, 1992 को हुआ था.
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