चीनी सरकार ने नया सीमा कानून लागू करने से दो दिन पहले, चीन (China) के नक्शे में अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के 15 स्थानों के नाम बदल दिए. चीन के इस कदम का भारत ने कड़ा विरोध किया है और कहा है कि ये राज्य भारत का एक अभिन्न अंग है और "आविष्कृत नामों से ये तथ्य नहीं बदलता है."
चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने 29 दिसंबर को एक बयान जारी कर कहा कि उनके पास अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के लिए 'मानकीकृत' नाम हैं, जिनका उपयोग चीनी मानचित्रों पर किया जाएगा.
नए सीमा कानून को लागू करने से ठीक दो दिन पहले, चीन ने अरुणाचल के विभिन्न स्थानों के नाम बदलने का कदम उठाया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 स्थानों के आधिकारिक नामों में आठ रिहायशी इलाके, चार पहाड़, दो नदियां और एक पहाड़ी दर्रा है.
ये दूसरी बार है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदले हैं. इससे पहले 2017 में चीन ने छह स्थानों के नाम बदल दिए थे.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने ऐसी रिपोर्ट देखी है. ये पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की है. चीन ने अप्रैल 2017 में भी ऐसे नाम देने की कोशिश की थी."
"अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा. अरुणाचल प्रदेश में आविष्कृत नामों को दिखाने से ये तथ्य नहीं बदलता है."अरिंदम बागची, प्रवक्ता , विदेश मंत्रालय
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है. भारत और चीन पिछले 20 महीनों से सीमा विवाद में लगे हुए हैं और मुद्दों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य बातचीत जारी है.
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