जनवरी 2021 से संयुक्त राष्ट्र (UN) की सुरक्षा परिषद में भारत की गैर-स्थायी सदस्य के तौर पर भूमिका की शुरुआत होगी. इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी राजनयिक मौजूदगी को बढ़ाने का फैसला किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत UN में एक अतिरिक्त डिप्टी स्थायी प्रतिनिधि (DPR) और एक काउंसलर नियुक्त करने जा रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट का कहना है कि ये दोनों राजनयिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के मामलों को संभालेंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर UNSC में भारत के कामकाज की हर महीने समीक्षा करेंगे.
किसकी होगी नियुक्ति?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 1999 बैच के इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS) अफसर आर रविंद्रन UN में भारत के स्थायी मिशन को DPR के रैंक के बराबर पद पर जॉइन करेंगे. रविंद्रन इस समय जॉइंट सेक्रेटरी (सेंट्रल और वेस्ट अफ्रीका) हैं. वहीं, 2007 बैच के IFS अफसर प्रतीक माथुर काउंसलर के तौर पर जॉइन करेंगे. माथुर अभी PMO में डिप्टी सेक्रेटरी हैं.
UN में भारत के स्थायी मिशन की अध्यक्षता टीएस तिरुमूर्ति करते हैं और नागराज नायडू DPR हैं. रिपोर्ट कहती है कि दोनों नए अफसर 15 सितंबर 2020 को संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के खुलने से पहले जॉइन कर लेंगे.
8वीं बार UNSC का अस्थायी सदस्य बना भारत
भारत को 192 वैध वोट में से 184 वोट मिले थे. भारत 8वीं बार UNSC का अस्थायी सदस्य बना है. पीएम मोदी ने भारत के चुने जाने पर सभी का आभार व्यक्त किया था. पीएम ने ट्विटर पर लिखा, "वैश्विक समुदाय से UN सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता को लेकर मिले इस समर्थन के प्रति आभारी हूं. भारत सभी सदस्यों के साथ मिलकर वैश्विक शांति, सुरक्षा और इक्विटी के लिए काम करेगा."
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