भारत ने मंगलवार को अफगानिस्तान के राजनयिकों सहित 150 से अधिक नागरिकों को तालिबान के कब्जे से बाहर निकाल लिया, सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान सी-17 150 यात्रियों को लेकर काबुल हवाईअड्डे से भारत के लिए रवाना हो गया और लोगों को गुजरात के जामनगर में पहुंचा दिया गया है.
निकाले गए लोगों में अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रोनेंद्र टंडन, दूतावास के कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और युद्ध को कवर करने गए पत्रकार शामिल हैं.
अफगानिस्तान में मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को भारत आने के इच्छुक अफगानों के आवेदनों को तेजी से ट्रैक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई श्रेणी की घोषणा की.
मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया,
"एमएचए अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर वीजा प्रावधानों की समीक्षा कर रहा है. भारत में प्रवेश के लिए वीजा आवेदनों को फास्ट ट्रैक करने के लिए 'ई-आपातकालीन एक्स-विविध वीजा' नामक इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई श्रेणी शुरू की गई है"
इस बीच युद्धग्रस्त देश में बिगड़ते हालात की समीक्षा करते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय राजदूत और बाकी कर्मचारियों को वापस लौटने को कहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि रविवार भारत अफगानिस्तान में स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है
जयशंकर ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, "काबुल में स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं. भारत लौटने की इच्छा रखने वालों की चिंता को समझते हैं, हवाईअड्डा संचालन मुख्य चुनौती है. इस संबंध में भागीदारों के साथ चर्चा की गई है,
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