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Air Force Day: भारतीय वायुसेना की ये बातें जानकर गर्व और हैरत होगी

भारतीय वायुसेना का विदेशी सरजमीं पर भी है एयरबेस, ऐसी ही खास बातें यहां जानिए

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भारत
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देश एयरफोर्स डे मना रहा है. 8 अक्टूबर 1932 को इंडियन एयरफोर्स की स्थापना की गई थी. इस दिन को एयरफोर्स डे के तौर पर मनाया जाता है. 1 अप्रैल साल 1933 को इसके पहले दस्ते का गठन हुआ था जिसमें 6 RAF-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था. इस दस्ते को 4 वेस्टलैंड वापिति IIA एयरक्राफ्ट जोकि सैन्य सहयोग विमान हैं मुहैया कराया गया था.

साल दर साल इंडियन एयरफोर्स की टेक्नॉलजी और क्षमता में लगातार सुधार किया गया. अब ये दुनिया की सबसे शक्तिशाली और बड़ी वायु सेनाओं में शुमार हैं. जानते हैं इंडियन एयरफोर्स से जुड़ी कुछ खास जानकारी:

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एयरफोर्स के पहले चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट

भारतीय वायुसेना का विदेशी सरजमीं पर भी है एयरबेस, ऐसी ही खास बातें यहां जानिए
एयर मार्शल सर टॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट
(फोटो-indianairforce.nic.in)

आजादी के बाद एयरफोर्स को आर्मी से 'आजाद' करने का श्रेय इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है. एल्महर्स्ट आजादी के बाद भारत के पहले चीफ बने. बता दें कि आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण होता था. एल्महर्स्ट 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक अपने पद पर बने रहे.

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सुब्रतो मुखर्जी के तौर पर मिला भारतीय चीफ

भारतीय वायुसेना का विदेशी सरजमीं पर भी है एयरबेस, ऐसी ही खास बातें यहां जानिए
एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी
(फोटो-indianairforce.nic.in)

1 अप्रैल 1954 को इंडियन एयरफोर्स से 'कमांडर इन चीफ' का पद खत्म हो गया और एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी को इंडियन एयरफोर्स के पहले भारतीय चीफ बनने का गौरव हासिल हुआ.

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरफोर्स

करीब 1,70,000 कर्मचारियों और 15 सौ एयरक्राफ्ट के साथ चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है इंडियन एयरफोर्स. इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस का नंबर आता है. वहीं अगर शक्तिशाली एयरफोर्सेज की बात करें तो ये दुनिया का सातवां सबसे शक्तिशाली एयरफोर्स माना जाता है.

एयरफोर्स का आदर्श वाक्य गीता से लिया गया है

'नभ: स्पृशं दीप्तम', एयरफोर्स का आदर्श वाक्य है जिसे गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है.

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इंडियन एयरफोर्स का ध्वज

भारतीय वायुसेना का विदेशी सरजमीं पर भी है एयरबेस, ऐसी ही खास बातें यहां जानिए
(फोटो-indianairforce.nic.in)

साल 1951 में इस झंडे को स्वीकार किया गया था. इस नीले कलर के झंडे के फर्स्ट क्वॉड्रांट में राष्ट्रीय ध्वज बना होता है. साथ ही एक सर्कल शेप भी है जिसमें भगवा, सफेद और हरा तीनों रंग दिखता है.

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इंडियन एयरफोर्स के 7 कमांड

इंडियन एयफोर्स के फिलहाल 7 कमांड हैं, जिनमें से 5 ऑपरेशनल हैं वहीं 2 फंक्शनल कमांड हैं-

  • हेडक्वार्टर सेंट्रल एयर कमांड, इलाहाबाद
  • हेडक्वार्टर ईस्टर्न एयर कमांड, शिलॉन्ग
  • हेडक्वार्टर वेस्टर्न एयर कमांड, नई दिल्ली
  • हेडक्वार्टर साउदर्न एयर कमांड, तिरुअनंतपुरम
  • हेडक्वार्टर साउथ-वेस्टर्न एयर कमांड, गांधी नगर
  • हेडक्वार्टर मेंटिनेंस कमांड, नागपुर
  • हेडक्वार्टर ट्रेनिंग कमांड, बेंगलुरु

विदेशी जमीन पर एयरबेस

देश में एयरफोर्स के 50 से ज्यादा एयरबेस हैं जहां से दुश्मन की हर गतिविधियों पर नजर रखी जाती है और देश की सुरक्षा चाक चौबंद की जाती है. ये भी बता दें कि ताजिकिस्तान का फारखोर एयरबेस विदेशी सरजमीं पर भारत का पहला एयरबेस है. इस एयरबेस की जिम्मेदारी भारत-ताजिकिस्तान मिलकर संभालते हैं.

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एयरफोर्स के 'सुपरहीरो'

फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों: 1971 के युद्ध में निर्मलजीत सिंह के बहादुरी के किस्से देश आज भी याद करता है. निर्मलजीत को इस युद्ध में शहादत हासिल हुई थी, लेकिन वो एयरफोर्स के पहले और आखिरी अधिकारी थे जिन्हें परमवीर चक्र हासिल हुआ है, उन्हें मरणोपरांत ये सम्मान दिया गया

मार्शल अर्जन सिंह: 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मार्शल ऑफ द एयरफोर्स अर्जन सिंह ने दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे. कई पीढ़ियों के हीरो रहे मार्शल अर्जन सिंह एयरफोर्स के एकमात्र ऑफिसर हैं जिन्हें 5-स्टार रैंक से नवाजा गया था.

एयर मार्शल पद्मावती बंधोपाध्याय: इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला एयर मार्शल होने का गौरव पद्मावती बंधोपाध्याय को हासिल है.

Q-जानकारी

इसी साल एयरफोर्स में पहली महिला फायटर पायलटों का बैच शामिल हो जाएगा. इस बैच में देश की 3 बहादुर बेटियां हैं- अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह
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सिर्फ युद्ध में ही नहीं सहायता में भी नंबर वन

इंडियन एयरफोर्स ने जंग के मैदानों में अपना लोहा मनवाया है, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पवन जैसे तमाम अभियान इसे दुनिया के सबसे खास फोर्सेज में शुमार करते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं अगर नागरिकों के राहत की भी बात होती है तो एयरफोर्स सबसे आगे होता है. यमन से भारतवासियों को बाहर निकालने की बात हो या केदारनाथ में फंसे सैलानियों की हर बार एयरफोर्स ने अपने बेहतरीन काम से सबकी तारीफें कमाईं हैं.

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