ADVERTISEMENTREMOVE AD

गलवान सैनिक विवाद: Beijing Winter Olympics में शामिल नहीं होंगे भारतीय राजदूत

गलवान हिंसा में शामिल सैनिक को ओलिंपिक टॉर्च बियरर बनाने के विरोध में भारत का फैसला

Updated
भारत
1 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) में चीन की तरफ से गलवान हिंसा में शामिल रहे सैनिक को मशालवाहक (torchbearer) बनाने की खबरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि "खेदजनक है चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण किया है. बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में भारतीय दूत शामिल नहीं होंगे"

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विदेश मंत्रालय की घोषणा के बाद, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा कि दूरदर्शन बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह का प्रसारण नहीं करेगा.

इससे पहले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के लिए तीन दिवसीय ओलंपिक मशाल रिले में भारत के साथ साल 2020 के गलवान सीमा संघर्ष में घायल हो चुका चीनी सैनिक भी शामिल था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार क्यूई फाबाओ के रूप में पहचाना गया यह सैनिक, कथित तौर पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक रेजिमेंटल कमांडर है और गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ 2020 की सीमा झड़प के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था.

चीन के ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन के चार बार के ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन वांग मेंग ने ओलंपिक फॉरेन पार्क में रिले शुरू होने के बाद क्यूई फैबाओ को मशाल सौंपी.

गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और उसके कई सहयोगी देशों ने चीन में कम्युनिस्ट पार्टी शासन द्वारा मानवाधिकारों के हनन के विरोध में बीजिंग खेलों में भाग लेने से पहले ही इनकार कर दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×