अंतरिम बजट पेश होने से पहले 29 जनवरी को वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार, मजबूत घरेलू मांग और आर्थिक सुधारों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन इजरायल-हमास युद्ध की वजह से खतरा भी है.
वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट से पहले 'द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि "यह भारत का आर्थिक सर्वेक्षण नहीं है". सरकार के शीर्ष अर्थशास्त्री ने कहा, "यह आम चुनाव के बाद पूर्ण बजट से पहले आएगा."
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट देश के आर्थिक विकास पथ पर आशावादी दिख रही है, जिसमें जीडीपी 2022 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर से दोगुना होकर 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है.
भारतीय अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर की ओर
भारतीय अर्थव्यवस्था के 29 जनवरी तक 3.7 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छूने की खबर है, जो एक दशक पहले 1.9 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति से एक बड़ी छलांग है.
वैश्विक मंदी के बीच वित्त मंत्रालय ने भारत की मजबूत विकास दर का श्रेय कई आर्थिक सुधारों और बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश को दिया है, जिसका अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में कई गुना प्रभाव पड़ा है. इन सुधारों ने वैश्विक झटकों के बीच देश को आर्थिक मजबूती दी है.
निवेश भी बढ़ा
बुनियादी ढांचे में सरकार के निवेश में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2015 में 5.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में अनुमानित 18.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह निवेश आर्थिक विकास को बनाए रखने और बढ़ाने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो पिछले तीन वर्षों में 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर के साथ मजबूत रहा है.
कई चुनौतियां भी हैं
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस: अर्थव्यवस्था के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की वजह से सर्विस सेक्टर में नौकरी में कटौती का खतरा पैदा हुआ है. इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास के बीच समन्वय बनाना और पर्याप्त रूप से स्किल कार्यबल की उपलब्धता भी चुनौती है.
लाल सागर: रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के युग में, भारत का विकास वैश्विक विकास के प्रभावों पर भी निर्भर करता है, न कि केवल इसके घरेलू प्रदर्शन पर. यह लाल सागर में दिखता है, जिसके चलते शिपिंग लागत में वृद्धि हुई है और सप्लाई चेन प्रभावित हुए है. मर्चेंट जहाजों को अब दक्षिण अफ्रीका से होकर बहुत लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, ''सरकार ने 2047 तक 'विकसित देश' बनने का लक्ष्य रखा है. सुधारों की यात्रा जारी रहने के साथ, यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.''
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)