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लद्दाख में टकराव को भारतीय मीडिया ने बढ़ाकर दिखाया: चीनी मीडिया

अखबार का दावा लद्दाख में होती रहती हैं घटनाएं, डोकलाम से अलग है एलएसी के दूसरे हिस्सों में विवाद

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चीनी के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव को इंडियन मीडिया ने काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया है. इससे बॉर्डर की शांति खतरे में है और तनाव बढ़ गया है.

ग्लोबल टाइम्स के एक एडीटोरियल में कहा गया है कि दोनों ही देशों ने लद्दाख को ज्यादा तूल न देने का मन बनाया है. इसकी बजाए दोनों देश डोकलाम पर फोकस कर रहे हैं. भारत और चीन लद्दाख को एक दूसरा मुद्दा बनाना नहीं चाहते.

अखबार आगे लिखता है 'एलएसी में दोनों देशों के बीच टकराव का मुद्दा डोकलाम से पूरी तरह अलग है. डोकलाम में बाउंड्री पूरी तरह निर्धारित है.'

कल लद्दाख में चीनी सेना ने घुसपैठ की थी. जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया था. भारतीय सैनिकों ने पहले ह्यूमन चेन के जरिए ब्लॉकेड लगाया. इसके बाद दोनों ओर से पत्थरबाजी की गई, जिसमें कुछ जवान घायल भी हुए. आखिर में चीन के सैनिकों को वापस लौटना पड़ा.

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एडीटोरियल में चीन को युद्ध की तैयारी करने की सलाह भी दी गई है.’चीन अभी भी भारत के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचा रहा है.यह भारतीय लोगों के लिए हमारी गुडविल है. चीन को भारत के खौफ में रहने की कोई जरूरत नहीं है. बीजिंग चाहता है भारत अभी भी जाग जाए.इसलिए चीन मिलिट्री तैयारी करने के दौरान ही शांति की कोशिश भी कर रहा है.’

‘ भारत चीन की जमीन पर अपने सैनिक उतार कर बिना नुकसान भुगते नहीं रह सकता है.अपनी नेशनल सिक्योरिटी को बचाने के लिए उसे तुरंत डोकलाम से हट जाना चाहिए. चीन, भारत से काफी ताकतवर है. इस फैक्ट को कुछ मुद्दे उठाकर और उन पर आक्रामक होकर बदला नहीं जा सकता.’

डोकलाम मुद्दे पर पिछले दो महीनों से भारत और चीन में विवाद चल रहा है. डोकलाम पर भूटान और चीन अपने-अपने अधिकार जताते हैं. विवाद चीन द्वारा डोकलाम पठार पर एक सड़क बनाए जाने को लेकर शुरू हुआ था. चीन के विरोध करने के लिए भूटान ने भारत की मदद मांगी. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने जाकर सड़क निर्माण रुकवा दिया था.

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