कनाडा के नागरिक बनने वाले हिंदुस्तानियों की तादाद 2018 में 50 परसेंट बढ़ गई है. आखिर ऐसा क्या है कि भारतीयों को कनाडा इतना ज्यादा पसंद आ रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक हजारों भारतीयों ने कनाडा में नागरिकता के लिए अर्जी दे डाली है. क्योंकि ऐसा करने वालों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 50 परसेंट ज्यादा है.
आखिर भारतीय अपने देश छोड़कर कनाडा की नागरिकता लेने को उतावले क्यों हैं?
कनाडा की नागरिकता लेने में भारतीय दूसरे नंबर पर
कनाडा की नागरिकता लेने वालों में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं. फिलीपींस इस मामले में नंबर एक है. हालांकि भारत ज्यादा पीछे नहीं है.
कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है और इसी को हिंदुस्तानियों के कनाडा प्रेम के लिए जिम्मेदार माना जाता है. सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है.
साल भर में 15,000 गए
रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से अक्टूबर 2018 के 10 महीनों में करीब 15 हजार भारतीयों ने कनाडा की नागरिकता ली. साल 2017 के मुकाबले ये दोगुना है. सिर्फ एक साल में ऐसे भारतीय नागरिकों की तादाद में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
फिलीपींस के 15,600 लोगों ने नागरिकता बदली है. मतलब भारत और फिलीपींस के बीच सिर्फ 600 लोगों का फर्क है. इन 10 महीनों में कनाडा की नागरिकता लेने वाले दुनिया के सभी लोगों में भारत की 11 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
कनाडा की नागरिकता लेना हुआ आसान
माइग्रेशन ब्यूरो कॉर्प के एमडी तल्हा मोहानी के मुताबिक, कनाडा की नागरिकता लेना अब बहुत आसान हो गया है. एक परमानेंट रेजिडेंट बनने के लिए अब 5 नहीं बल्कि सिर्फ 3 साल ही कनाडा में रहना जरूरी है.
चल पड़ा है माइग्रेशन का दौर
साउथ अफ्रीका की एक मार्केट रिसर्च एजेंसी न्यू वर्ल्ड वेल्थ एक रिपोर्ट में भी यही बताया गया था कि भारत के अमीर देश छोड़ रहे हैं. तीन साल में भारत के 17 हजार अमीर (डॉलर मिलियनेयर, जिनके पास कम से कम 6.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है) देश छोड़ गए हैं. हर साल ये रिपोर्ट निकलती है.
भारत छोड़ने वाले अमीर
- साल 2017- 7,000 सुपर रिच लोगों ने देश छोड़ा
- साल 2016- 6000 अमीरों ने देश छोड़ा
- साल 2015- 4000 अमीरों ने देश छोड़ा
भारत छोड़कर विदेशों में जाने वाले ज्यादातर लोग करियर के लिए अच्छे मौकों और अन्य सुविधाओं की तलाश में वहां जा रहे हैं. कई सालों से भारत में कोशिशों के बावजूद भी उन्हें अच्छा रोजगार, निवेश और अन्य तरह की तमाम चीजें नहीं मिल पाईं. जिसके बाद ये लोग बड़ी आसानी से दुबई, सिंगापुर, कनाडा और लंदन जैसे देशों में जा बसे. जहां उन्होंने खुद को स्टेबल किया और वहीं की सिटिजनशिप भी ले ली.
क्यों हो रहा है पलायन?
ऐसे वक्त में, जब पिछले तीन साल दुनियाभर में कारोबार सुस्त था, तब लोग क्यों भारत में मौके ढूंढकर बाहर जाना पसंद कर रहे थे?
3 साल में 17 हजार भारतीयों ने छोड़ा भारत
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