भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर अब भारत में भी हाई-स्पीड रेलवे ट्रायल ट्रैक (High Speed Railway Trial Track) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. भारत के पहले रेलवे फास्ट ट्रायल ट्रैक का निर्माण कार्य राजस्थान के नावा सिटी रेलवे स्टेशन के पास शुरू हुआ है. ट्रायल ट्रैक का 50 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है. इस ट्रैक के बनते ही रेलवे को अंतर्राराष्ट्रीय मानकों वाली सुविधाएं मिलेंगी.
इस रेलवे ट्रैक की लंबाई लगभग 60 किलोमीटर होगी और इस पर 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी.
क्या है इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का पहला फास्ट रेलवे ट्रायल ट्रैक अक्टूबर 2024 तक राजस्थान के डीडवाना जिले में बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के रेलवे ट्रायल सिस्टम सुविधाओं में सुधार करना है. भारतीय रेलवे जल्द ही देश के पहले फास्ट रेलवे टेस्ट ट्रैक का सपना साकार करने जा रहा है. इस रेलवे ट्रैक पर बिना रुके 24 घंटे काम चल रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर पश्चिम रेलवे CPRO कैप्टन शशि किरण ने कहा कि
जोधपुर मंडल के नावां में देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य रेलवे द्वारा शुरू कर दिया गया है. इस ट्रैक पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में स्थित ट्रैक की तर्ज पर बनाया जा रहा है. इसके निर्माण से देश रेलवे के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड की ट्रायल सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम होगा. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल द्वारा विकसित किए जा रहे लगभग 60 किलोमीटर लंबे इस रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू कर दिया गया है.
गुढ़ा-ठाठाना मिठड़ी से नावा रेलवे स्टेशन तक बनेगा ट्रायल ट्रैक
राजस्थान में बन रहा रेलवे ट्रैक लगभग 819.90 करोड़ रुपये की लागत से अक्टूबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक CPRO एनडब्ल्यूआर ने कहा कि इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ, भारत पहला देश होगा, जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बेहतरीन ट्रायल सुविधाएं होंगी. रेलवे की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने वाले एकमात्र संगठन (RDSO) द्वारा विकसित देश का पहला हाई-स्पीड ट्रेन परीक्षण ट्रैक उत्तर पश्चिम के जोधपुर मंडल के गुढ़ा-ठाठाना मिठड़ी से नवां रेलवे स्टेशन तक बनाया जा रहा है.
रेलवे ने निर्माण कार्य के दूसरे चरण में वर्कशॉप, प्रयोगशालाएं और आवास बनाने की भी योजना बनाई हैं.
कैप्टन शशि किरण ने कहा कि संबंधित भूमि अधिग्रहण के लिए रेलवे द्वारा पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसके अलावा टेस्ट ट्रैक निर्माण का आधे से ज्यादा काम भी पूरा हो चुका है. गौरतलब है कि इस टेस्ट ट्रैक का निर्माण दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहला चरण 25 किलोमीटर का होगा, इसके तहत मेजर ब्रिज का 95 प्रतिशत निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा परीक्षण के लिए इस ट्रैक पर 34 छोटे पुल भी बनाए जा रहे हैं.
रेलवे के इस विश्वस्तरीय टेस्ट ट्रैक पर कई तरह के नए ट्रायल किए जाएंगे. इस पर हाईस्पीड, वंदे भारत और नियमित ट्रेनों का ट्रायल भी होगा. इस ट्रैक का इस्तेमाल लोकोमोटिव और कोचों के अलावा हाई-एक्सल लोड वैगनों के ट्रायल के लिए भी किया जाएगा. इस ट्रैक के निर्माण के बाद देश में दुरंतो और हाई-स्पीड ट्रेनों को बढ़ावा देने के लिए परीक्षण किया जाएगा, जिससे भारतीय रेलवे की प्रगति में बढ़ोतरी होगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)