भारतीय रेलवे (Indian Railways) यात्रियों के लिए किफायती कीमतों पर स्लीपर और जनरल सेवा वाली एक नॉन-एसी वंदे साधारण ट्रेन (Vande Sadharan Train) चलाने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित अधिकारी इस योजना पर काफी समय से काम कर रहे हैं और अब उनके पास एक पूरा रोडमैप तैयार है. इसका मकसद आम जनता की ट्रेन यात्रा को कम खर्चीला बनाना है.
यह ट्रेन ऑटोमैटिक डोर सिस्टम से लैस होगी. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यात्री सुरक्षा में सुधार के लिए प्रत्येक कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
वंदे भारत ट्रेन के बोगियों की तरह नॉन-एसी वंदे साधारण ट्रेन के डिब्बों में बायो वैक्यूम टॉयलेट, पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम और हर सीट पर चार्जिंग पोर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी.
परियोजना में करीब 65 करोड़ रूपए लगे
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि नॉन -एसी वंदे साधारण स्टेशन का निर्माण आईसीएफ (ICF) चेन्नई में किया जाएगा और इस परियोजना में लगभग 64 से 65 करोड़ रुपये के बीच लगने की उम्मीद है. हालांकि, पूरी तरह से एसी वंदे भारत ट्रेन की तुलना में निवेश अभी भी कम है, जिसकी कुल लागत 100 करोड़ रुपये है.
ट्रेन को तेजी से खींचने के लिए ट्रेन में आगे और पीछे के छोर पर 24 एलएचबी कोच और दो लोकोमोटिव होंगे.
वंदे साधरण ट्रेन को दो लोको का इस्तेमाल करके पुश-पुल विधि से चलाया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि पुश- पुल सिस्टम ट्रेन चलाने के सिस्टम में त्वरण दर (acceleration rate) को बढ़ाती है.
बता दें कि ज्यादा किराये वाली वंदे भारत ट्रेनों की आलोचना का सामना करने के बाद सरकार ने नॉन- एसी सुविधाओं वाली ऐसी ही ट्रेनें शुरू करने का फैसला किया. वंदे साधरण ट्रेन सेवा का कम किराया होने की संभावना है.
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