पिछले कई दिनों से देश के कुछ हिस्सों में चक्रवात 'मिचौंग' को लेकर खतरे मंडरा रहे हैं, जिससे भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने 50 से ज्यादा ट्रेनें भी रद्द की हैं. अब रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने इस गंभीर चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं. चक्रवात 'मिचौंग' से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए, मंत्रालय ने चेन्नई में एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम और नई दिल्ली स्थित रेल भवन में एक समर्पित वॉर रूम स्थापित किया है.
Financial Express की रिपोर्ट के मुताबिक रेल मंत्रालय द्वारा सोमवार (4 दिसंबर) को जारी एक बयान में बताया गया कि चक्रवात 'मिचौंग' से प्रभावित होने वाले इलाकों में ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन के लिए भारतीय रेलवे की बड़ी तैयारी उनकी आपदा प्रबंधन तैयारियों के एक हिस्से के रूप में है. मंत्रालय ने संभागीय और मुख्यालय स्तर पर एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है.
रेल मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में निर्बाध रेल आवामगन के लिए भारतीय रेलवे ने अपनी पूरी मशीनरी को बड़े पैमाने पर तैयार किया है.
चक्रवात से संबंधित आपदा प्रबंधन के लिए अपनी तैयारियों के तहत भारतीय रेलवे ने मंडल/मुख्यालय स्तर पर परिचालन, वाणिज्यिक, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल/दूरसंचार, सुरक्षा आदि शाखाओं के अधिकारियों के साथ प्रत्येक में एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है.रेल मंत्रालय
निगरानी के लिए वॉर रूम स्थापित
बोर्ड स्तर पर सभी जगहों पर लगातार निगरानी के लिए एक वॉर रूम एक्टिव कर दिया गया है. इमरजेंसी नियंत्रण प्रयासों के लिए हर पाली के लिए सुरक्षा परामर्शदाताओं को नामित किया गया है. मंत्रालय ने फील्ड अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को सही तरह से ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करने में सहायता के लिए और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) से चक्रवात की गति और पूर्वानुमानों की बारीकी से निगरानी करने के लिए हर वक्त तैयार रहने का निर्देश दिया है.
चेन्नई डिवीजन में हेल्थ यूनिट ने भी दो टीमें बनाकर एक आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार की है.
मंत्रालय ने कहा है कि हेल्थ यूनिट, चेन्नई डिवीजन ने भी अपनी आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार की है और दो टीमों का गठन किया है. प्लेटफॉर्म नंबर 11 पर SPART (सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन) में चढ़ने के लिए डॉक्टरों और अन्य ऑन-ड्यूटी कर्मचारियों सहित टीम A मैसेज आते ही आपदा/दुर्घटना स्थल पर प्रभारी अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे और राहत कार्य शुरू करेंगे.
टीम बी हताहतों की संख्या को रिपोर्ट करेगी और टीम बी का एक हिस्सा सड़क मार्ग से आगे बढ़ेगा. मेडिकल टीम ए, सीएमएस कार्यालय के साथ संचार बनाए रखने, स्थानीय रेलवे अस्पतालों, पेरंबूर और स्थानीय निजी अस्पतालों को इमरजेंसी तैयारियों के लिए सूचित करने के लिए वहीं रुकेंगी.
दक्षिणी रेलवे ने जारी किया इमरजेंसी नंबर
दक्षिणी रेलवे और अन्य संबंधित क्षेत्रों ने जनता के लिए सामान्य निर्देशों और आपातकालीन संपर्क नंबरों का एक सेट जारी किया है. इनमें रेलवे अधिकारियों, चिकित्सा टीमों, आपातकालीन वाहनों, सार्वजनिक पूछताछ के लिए वाणिज्यिक नियंत्रण, टावर वैगन चालकों के फोन नंबर, साथ ही विभिन्न स्टेशनों पर डीजी सेट, पंप और सबमर्सिबल सीवेज पंप जैसे उपलब्ध उपकरणों की लिस्ट शामिल है.
निर्देशों में बताए गए प्राइमरी फोकस नुकसान को रोकने और रेलवे संपत्तियों को नुकसान को कम करने पर है. अगर जरूरत हो, तो मुख्यालय के परामर्श से टार्गेट सेक्शन पर सभी ट्रेन परिचालन, यात्री और माल ढुलाई दोनों को अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है.
पिछले चक्रवातों से सीख लेते हुए, दक्षिणी रेलवे ने उन स्थानों की बारीकी से निगरानी करने का फैसला लिया है, जहां अधिकतम नुकसान हुआ था. इमरजेंसी जैसी स्थिति के दौरान ट्रेन की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह से ईंधन वाले डीजल इंजनों की पर्याप्त आपूर्ति तैयार रखने के निर्देश जारी किए गए हैं. चक्रवात 'मिचौंग' की स्थिति में जीवन और रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा ही मुख्य टार्गेट है.
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