ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारतीय कुश्ती को किसने 'पटक' दिया?

Indian Wrestling: जिस WFI अध्यक्ष पर आरोप लग रहे हैं उनपर पहले एक पहलवान को मंच पर थप्पड़ मारने का आरोप लग चुका है.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

''कुश्ती खेल रही लड़कियों का हो रहा यौन शोषण''

''कोच लड़कियों का शोषण करते हैं''

''WFI अध्यक्ष ने न जाने कितनी लड़कियों का शोषण किया है''

''खिलाड़ियों के लिए आए पैसे WFI के अधिकारी खा जा रहे हैं''

''कैंप में नाम लिखवाने के लिए अफसरों को घी-दूध देना पड़ता है''

भारतीय कुश्ती (Indian Wrestling) को लेकर ये हैं आज की सुर्खियां..लेकिन कुछ समय पहले कुछ ऐसी सुर्खियां देखने को मिल रही थीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

''कॉमनवेल्थ 2022 में भारतीय कुश्ती दल ने 12 मेडल अपने नाम किए.''

''बजरंग पुनिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स के 65 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड जीता''

''टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों ने सात पदक जीते''

भारत के दिग्गज पहलवानों ने जब कुश्ती संघ के खिलाफ मोर्चा खोला तो बात हो रही है जांच की. एक्शन की. यौन शोषण की सुनवाई के लिए कमेटी बनाने की, पहलवानों को कोई दिक्कत नहीं हो, ऐसी व्यवस्था बनाने की...लेकिन अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि भारतीय कुश्ती पिछले कुछ समय से समस्याग्रस्त है

सडांध कितनी बढ़ चुकी थी इसका अदांजा तब भी लगा था कि जब भारत के स्टार पहलवान सुशील कुमार पर एक जूनियर पहलवान सागर को पीटकर मार डालने का आरोप लगा था. चौंकाने वाली बात ये थी कि ये वारदात दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुई थी. यानी वो जगह जिसे प्रणाम करके पहलवान अखाड़े में उतरते हैं. इस केस का कनेक्शन दिल्ली में गैंगवार से भी है, ऐसी बातें हुईं.

अभी दिसंबर में ही दिल्ली पुलिस ने नरेश सहरावत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. इसपर हत्या, हत्या के प्रयास और रेप जैसे संगीन आरोप हैं. सहरावत छत्रसाल स्टेडियम में सुशील कुमार का अखाड़े का साथी रह चुका है.

अभी जिन WFI अध्यक्ष पर आरोप लग रहे हैं उनपर पहले एक पहलवान को मंच पर ही थप्पड़ मारने का आरोप लग चुका है.

कुश्ती में लगातार समस्याएं

जाहिर है भारतीय कुश्ती में लगातार समस्याएं चल रही थीं, लेकिन जब तक स्टार पहलवानों ने आवाज नहीं उठाई, हमारा सिस्टम कुंभकरनी निद्रा में मग्न था. क्या इसकी वजह ये है कि जिन लोगों को इसे ठीक रखने की जिम्मेदारी दी गई थी, वो ही इसे खराब कर रहे थे. और उनसे भी ऊपर बैठे लोग इसलिए चुप रहे क्योंकि सब 'सखा-सहयोगी' थे?

ये खबर तो आपने सुन ही ली होगी कि कॉमनवेल्थ 2026 से कुश्ती को बाहर रखा गया है. यानी घर में पहलावन हलकान हैं और बाहर उनका खेल ही रद्द होने जाने से परेशान. क्या फेडरेशन ने कुश्ती को 2026 कॉमनवेल्थ में रखवाने के लिए एड़ी चोटी लगाई? जाहिर है इतनी नहीं लगाई कि हमारे पहलवानों का दिल न टूटे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुश्ती के लिए बुरा दौर

अब पहलवानों के हल्लाबोल ने WFI के अध्यक्ष ही नहीं बल्कि पूरी फेडरेशन की विश्वसनियता पर सवाल उठा दिया है. जाहिर तौर पर ये भारतीय कुश्ती के लिए बहुत बुरा वक्त है, उस खेल के लिए बहुत बुरा दौर जिससे देश को भर-भर के मेडल मिल रहे थे.

मेडल का सूखा झेलते एक देश में जिस कुश्ती के कारण मेडल का एक सुंदर सोता बहा था, वो सूख रहा है. किसी ने भारतीय कुश्ती को पटक दिया है. जाहिर है कुछ आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×