लीबिया में काम करने गए 7 भारतीय कथित तौर पर अगवा हो गए हैं. इनके परिजन केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि ‘भारतीयों को अगवा करने वाले आतंकियों ने उन्हें छोड़ने के लिए बड़ी रकम की मांग की है.’
परिजनों के मुताबिक, ये भारतीय लीबिया में मजदूरी करने गए थे और एक साल बाद सभी लोग भारत लौटने वाले थे, लेकिन इससे पहले उनको अगवा कर लिया गया. यह घटना 15 और 16 सितंबर के बीच की बताई जा रही है.
जिन लोगों के अगवा होने की बात कही जा रही है, वे (कुशीनगर, देवरिया) उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश के निवासी हैं. परिजनों ने बताया कि ये सातों लोग दिल्ली स्थित एक कंपनी एनडी एंटरप्राइजेस के जरिए लीबिया गए थे.
मामले से जुड़े 7 भारतीयों में कुशीनगर खड्डा थाना क्षेत्र के गड़हिया बसंतपुर गांव के निवासी मुन्ना उर्फ मनोज चौहान भी शामिल हैं.
मनोज चौहान के भतीजे पप्पू चौहान ने बताया, ''14 सितंबर को उन्होंने फोन पर बताया था कि उनका कोरोना टेस्ट होने वाला है और वे 17 सितंबर को वापस घर आ रहे हैं. उसके बाद हमारा उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. फिर हमने दिल्ली के ऑफिस में पता किया, वहां से कोई सूचना नहीं मिली. बाद में ऑफिस के ऊपर दबाव बनाया गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ आतंकियों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया है.''
उन्होंने आगे बताया, ''उन्हें छोड़ने के लिए 20 लाख डॉलर की मांग हो रही है...हम भारत सरकार से यह कहना चाहेंगे कि जितना जल्दी हो सके, हमारे चाचा जी को हमारे घर पर वापस भिजवा दें.'' परिजनों को डर है कि इस मामले में कोई अनहोनी न हो जाए.
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