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जल्द आ रहा हैः आईएसआईएस के चंगुल से कैसे छूटा हरजीत मसीह

साल 2014 के जून महीने में ईराक में IS द्वारा बंधक बनाए गए 40 भारतीयों में से केवल एक शख्स ही भारत लौटा है.

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आतंकी संगठन ISIS ने बीते साल जून के महीने में ईराक के मोसूल से 40 भारतीयों को अगवा कर लिया था. अगवा किए जाने के एक महीने बाद 40 भारतीयों में से सिर्फ जो शख्स वापस भारत लौट सका उसका नाम हरजीत मसीह है. हरजीत आईएस के चंगुल से वापस तो लौट आया लेकिन उन दिनों की भयानक यादें अभी उसके जेहन में ताजा हैं.

हरजीत का कहना है कि वह किसी तरह बच निकला लेकिन उसके बाकी 39 साथियों को आईएस के लड़ाकों ने बेरहमी से मार दिया. लेकिन इस सच्चाई पर ना तो भारत सरकार को यकीन है और ना ही मारे गए लोगों के परिवारों को.

मारे गए लोगों के परिवार वाले मसीह को झूठा करार देते हैं. उनका मानना है कि अगवा किए गए बाकी लोग अभी भी आईएसआईएस की गिरफ्त में जिंदा हैं.

ईराक से लौटे 25 वर्षीय हरजीत की दुख भरी दास्तान जानने के लिए पंजाब के गुरदासपुर जिले के काला अफगाना गांव पहुंच कर द क्विंट ने मसीह और उसके परिवार से मुलाकात की.

जब उनका परिवार और सामाजिक कार्यकर्ता उनके बच निकलने की कहानी बता रहे थे, मसीह घर के छोटे से आंगन में आए और चुपचाप आकर बैठ गए.

काफी देर के इनकार और चुप्पी के बावजूद भी उन्होंने जिस तरह से माइक पकड़ कर कैमरे का सामना किया, उससे अंदाजा लगाया जा सकता था कि मीडिया के जबाव देते हुए उन्हें इस सब की आदत हो गई है.

लेकिन बाकी के 39 साथियों के परिजनों की उम्मीद को जब तोड़ देते हैं तो उनका दिल टूट जाता है. भारत सरकार को भी उम्मीद है कि बाकी के 39 लोग भी अभी तक जिंदा हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कई बार कहा है कि मसीह के साथ अगवा किए गए बाकी 39 भारतीय मोसूल की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर बतौर मजदूर काम कर रहे थे. विदेश मंत्रालय का दावा है कि अगवा किए गए लोग ईराक में जिंदा हैं, और कई मौकों पर उन्होंने अपने परिवारों से मुलाकात भी की है.

लेकिन अगवा किए गए लोगों के परिवारों की ओर से साझा की गई कहानी सरकार के दावे से कुछ अलग है: कुछ लोगों का दावा है कि जिन के परिजन ईराक में अगवा किए गए थे उन्हें पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी गई है. कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास मसीह की बात पर यकीन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

आईएस के चंगुल से भाग निकले मसीह की कहानी और बाकी परिवारों की उनके बेटों के वापस लौटने की उम्मीद से जुड़ी और जानकारी के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहें.

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