शीना बोरा हत्याकांड मामले (Sheena Bora Case) में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार, 20 मई को मुंबई की भायखला जेल से रिहा कर दिया गया. यह रिपोर्ट न्यूज एजेंसी ANI ने प्रकाशित की है.
सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने गुरुवार, 19 मई को बेल देते हुए कहा कि इंद्राणी मुखर्जी पहले ही करीब 6.5 साल जेल में बिता चुकी हैं और इस मामले की सुनवाई जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है.
बार-एंड-बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना की बेंच ने कोर्ट में कहा कि
"इंद्राणी मुखर्जी 6.5 साल से कस्टडी में हैं. हम मामले के मेरिट पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. भले ही प्रॉसक्यूशन 50 प्रतिशत गवाहों को छोड़ दे फिर भी यह मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा. उन्हें जमानत दिया जाता है. ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के आधार पर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाएगा. जो शर्त पीटर मुखर्जी पर लगी थीं वही इंद्राणी मुखर्जी पर भी होंगी."
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने यह भी नोट किया कि मामले के अन्य आरोपी, और इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी फरवरी 2020 से पहले से ही जमानत पर हैं. बेंच ने कहा कि इंद्राणी को उन्हीं शर्तों पर रिहा किया जा सकता है.
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