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300 से कम वर्कर वाली कंपनियां बिना मंजूरी कर सकेंगी छंटनी, बिल पेश

इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड बिल 2020 में दिया गया प्रावधान

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सरकार वर्कर्स को हायर करने और छंटनी करने को लेकर कंपनियों की राह और आसान बनाने जा रही है. अभी 100 से कम वर्कर वाली कंपनियों को छंटनी या यूनिट बंद करने से पहले सरकार की मंजूरी नहीं लेनी पड़ती है. श्रम मंत्रालय अब यह सीमा बढ़ाकर 100 से 300 करने जा रहा है.

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यह प्रावधान शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड बिल 2020 में है. श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में यह पेश किया. गंगवार ने दो अन्य लेबर कोड बिल भी पेश किए: द कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020, और ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020.

इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड ने एक स्टैंडिंग ऑर्डर - रूल्स ऑफ कंडक्ट फॉर वर्कमैन एम्प्लॉएड इन इंडस्ट्रियल एस्टेब्लिशमेंट्स - की जरूरत के लिए सीमा बढ़ाकर 300 या उससे ज्यादा वर्कर्स की कर दी है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड में कहा गया है कि स्टैंडिंग ऑर्डर का प्रावधान “हर औद्योगिक प्रतिष्ठान जिसमें तीन सौ या तीन सौ से ज्यादा वर्कर, कार्यरत हैं, या पिछले बारह महीनों के किसी भी दिन कार्यरत थे” पर लागू होगा.

इसका मतलब यह हुआ कि 300 वर्कर्स से कम के औद्योगिक प्रतिष्ठानों को एक स्टैंडिंग ऑर्डर पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस कदम से कंपनियां वर्कर्स के लिए मनमाने ढंग से सेवा शर्तें लाने में सक्षम बनेंगी.

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