अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लगे ट्रैफिक जाम की वजह से 2 जनवरी को एक नवजात बच्चे की एंबुलेंस में ही मौत हो गई क्योंकि सड़क पर पंजाब ठेका मुलाजिम यूनियन यानी कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों का अनिश्चित काल के लिए विरोध प्रदर्शन चल रहा था.
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि मौत ट्रैफिक की वजह से नहीं हुई है, प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को निकलने की जगह दी थी.
कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों ने इस नेशनल हाईवे पर अनिश्चित काल के धरना देने के फैसला लिया है. इस वजह से आंदोलनकारियों ने सड़क मार्ग पर जाम लगाया वहीं टेंट लगाए गए जिसकी वजह से रविवार को घंटों भारी ट्रैफिक देखने को मिला, सड़क से आने जाने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
खन्ना के मोहनपुर गांव के रहने वाले सोनी और उनकी पत्नी काजल ने कहा कि वे अपने एक महीने के बच्चे आरव को एंबुलेंस से अस्पताल ले जा रहे थे, जब वह अचानक बीमार हो गया था. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने जो हाईवे जाम कर रखा उसकी वजह से वहा ट्रैफिक में ही फंस गए. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद एंंबुलेंस को जाने नहीं दिया गया और वहीं बहुत समय बर्बाद हो गया जिसकी वजह से उनके बच्चे की मौत हो गई.
एंबुलेंस के ड्राइवर अवतार सिंह ने कहा कि उनका जाम में से निकलने में काफी समय बर्बाद हुआ और जब वे अस्पताल पहुंचे तो कोई डॉक्टर वहां उपलब्ध नहीं था. तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी जिसके बाद दुखी परिवार बिना कहीं शिकायत दर्ज कराए घर चला गया.
वहीं खन्ना की एसडीएम मंजीत कौर ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को रास्ता दिया था और इसकी जांच की जा रही है कि बच्चे की मौत कैसे हुई है.
संभवत बच्चे की हालत पहले से ही गंभीर थी. प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को नहीं रोका और उन्हें जाने दे रहे थे. हम बच्चे की मौत के कारणों की जांच करेंगे.मंजीत कौर, SDM
अमृतसर-दिल्ली हाईवे पर अब भी जाम लगा हुआ है क्योंकि यह आंदोलन कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित काल के लिए शुरू हुआ है.
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