भारतीय नौसेना को शुक्रवार, 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर 'आईएनएस विक्रांत' (INS Vikrant) कोच्चि में सौंप दिया है. विक्रांत भारत में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है. नौसेना में इस कैरियर के शामिल होने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में भी शामिल हो जाएगा, जिनके पास खुद विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है. इसका मतलब है कि समुद्र के बीच भारत के पास खुद का एयरफोर्स स्टेशन तैयार हो गया है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है, विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है, यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. अगर समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है-विक्रांत.
INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों में पहली प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है. INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने से इसकी क्षमता और मजबूत होगी.
INS विक्रांत क्या है?
INS विक्रांत पहला IAC- इंडिजिनियस एयरक्राफ्ट कैरियर यानी स्वदेशी विमानवाहक पोत है. इसका वजन 45,000 टन है. आईएनएस विक्रांत मतलब अब भारत के पास खुद का ऐसा समुद्री युद्धपोत है जिस पर एयरफोर्स के विमान भी लैंड कर सकते हैं और टेक ऑफ ले सकते हैं.
इस युद्धपोत की लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर है यानी दो फुटबॉल के मैदान से भी बड़ा है. इतना बड़ा कि इसमें 14 डेक होंगे, 2,300 कंपार्टमेंट जिसमें महिलाओं के लिए स्पेशल केबिन भी शामिल हैं और इसमें 1700 जवान एक साथ सवार हो सकते हैं.
इसमें कुल 18 मंजिलें हैं और हर मंजिल पर अलग अलग तरह के ऑपरेशन सेंटर भी हैं. 16 बेड का एक आधुनिक हॉस्पिटल भी तैयार किया गया है. इसमें दो ऑपरेशन थिएटर भी हैं.
आईएनएस विक्रांत का निर्माण 2009 में केरल के कोच्चि में शुरू हुआ था. इसकी लागत 23,000 करोड़ रुपये बताई गई. भारतीय नौसेना ने कहा है कि 50 से अधिक भारतीय निर्माता सीधे इस प्रोजेक्ट में शामिल थे और लगभग 2,000 भारतीयों को हर दिन जहाज पर रोजगार मिला था. 40,000 से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत थे.
INS विक्रांत किस तरह के एयरक्राफ्ट ऑपरेट कर सकेगा?
आईएनएस विक्रांत फिक्स्ड-विंग और रोटरी एयरक्राफ्ट को ओपरेट कर सकेगा. भारतीय नौसेना के अनुसार, यह रूसी निर्मित मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर, स्वदेश निर्मित हल्के हेलीकॉप्टर और अमेरिकी रक्षा प्रमुख लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60आर मल्टीरोल हेलीकॉप्टर ले जा सकेगा.
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