केंद्र सरकार ने PPF जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर में कटौती करने का फैसला वापस ले लिया है. 31 मार्च को सरकार ने छोटी बचत योजनाओं मतलब स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरों में भारी कटौती का ऐलान किया था, लेकिन एक अप्रैल की सुबह वित्त मंत्री ने फैसला वापस लेने की खबर ट्वीटर पर शेयर की. जैसे ही निर्मला सीतारमण ने ट्विट किया सोशल मीडिया पर विपक्षी पार्टी के नेताओं से लेकर आम लोग सरकार के फैसले को चुनाव का असर बताने लगे.
बता दें कि पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में सरकार के अपने फैसले से पलटने को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन और आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 'यह आदेश भूल से जारी हुआ था.' उन्होंने लिखा है,
“छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की दरें वही बनी रहेंगी, जो पिछली तिमाही में थीं. इस संबंध में जो आदेश जारी किया गया था, उसे वापस लिया जाता है.”
निर्मला सीतारमण के इसी ट्वीट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि क्या निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेने के पहले समीक्षा की या फिर चुनाव के कारण अपना फैसला बदला है.
राहुल गांधी बोले- चुनाव खत्म होते ही बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी
पेट्रोल-डीजल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव खत्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी.जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की!राहुल गांधी
पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदंबरम ने कहा- पकड़े जाने पर बहाने बना रही हैं
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सरकार के गलती से जारी हुए आदेश पर हमला बोला है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने कहा,
अगली तिमाही के लिए बचत उपकरणों पर ब्याज दरों की घोषणा एक नियमित अभ्यास है. 31 मार्च को रिलीज होने के बारे में “गलत” कुछ भी नहीं है. बीजेपी सरकार ने अपने फायदे के लिए ब्याज दरों में कमी करके मध्यम वर्ग पर एक और हमला करने का फैसला किया था. पकड़े जाने पर, वित्त मंत्री ने “अनजाने में गलती हुई’ के बहाने बना रही हैं. जब मुद्रास्फीति लगभग 6 प्रतिशत है और बढ़ने की उम्मीद है, तो बीजेपी सरकार बचतकर्ताओं और मध्यम वर्ग को 6 प्रतिशत से कम ब्याज दर दे रही है, जो पूरी तरह अनुचित है.
‘अप्रैल फूल जोक’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी निर्मला सीतारमण के ट्वीट पर पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला बोला है. उन्होंने एक मुहावरा के जरिए कहा, फिर से मूर्ख बनाया. क्योंकि MO-SHA चुनावी रैलियों में अप्रैल फूल के जोक्स और झूठे वादे करने में व्यस्त हैं.”
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह ने कहा,
“चुनाव के डर से मोदीशाहनिर्मला सरकार ने अपना गरीब और आम आदमी की Small Savings की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया. धन्यवाद. लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएंगी.”
हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने कहा,
निजी क्षेत्र में बचत सुरक्षित नहीं. अल्प बचत वाले जाए तो जाए कहां?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी वित्त मंत्री पर तंज कसा है. उन्होंने कहा,
मैडम वित्त मंत्री, आप ‘सर्कस’ या ‘सरकार’ चला रही हैं? समझा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था के कामकाज जो करोड़ों लोगों को प्रभावित करेगी वो फैसले ऐसे ही बिना समझे लिए गए हैं. आपके ऑर्डर में जिसका जिक्र है वो सक्षम प्राधिकारी कौन है? आपको वित्त मंत्री के रूप में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
पूर्व वित्त मंत्री का मोदी सरकार पर कटाक्ष
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी सरकार के फैसले पलटने पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा,
आज में बहुत दुखी हूं. मुझे लगा कि मैं अकेले फैसले पलटने का एकाधिकार रखता था, इस सरकार ने मुझे भी मात दे दी है. श्रम कानून, छोटी बचत ब्याज दरें एक दो उदाहरण हैं.”
वहीं कांग्रेस नेता विनीत पुनिया ने कहा, “बीजेपी केवल ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है, जनता के बीच अपना भरोसा खो चुकी है. आम भारतीय पर BJP ने बार-बार आर्थिक चोट मारी है. बार-बार लघु बचत योजनाओं, कर्मचारियों के पीपीएफ बचत खातों, किसान बचत योजना/सुकन्या की ब्याज दरों में भारी कमी की है.
‘सरकार किसको बना रही अप्रैल फूल’
नेताओं के अलावा सोशल मीडिया यूजर भी सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. कुछ लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि सरकार किसे अप्रैल फूल बना रही है, किसे बेवकूफ बनाया जा रहा है.
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