धर्मनिरपेक्ष देश भारत में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है. अपनी पसंद के अनुसार वे अपनी धार्मिक गतिविधियों का आजादी के साथ पालन कर सकते हैं. भारत सरकार की तरफ से दो साल पहले धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी किए गए थे. जिसमें काफी चौंकाने वाले फैक्ट उभर कर सामने आए. भारत में धर्म से जुड़े कुछ इन्हीं दिलचस्प आंकड़ों पर डालते हैं एक नजरः
दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा धर्म हिंदू
दुनियाभर में हिंदू धर्म तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. वैसे तो दुनियाभर में हिंदू धर्म के लोग फैले हुए हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इस धर्म से संबंध रखने वाले 90 फीसदी से ज्यादा लोग भारत में ही रहते हैं.
धर्म आधारित जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, 2011 में भारत में हिन्दुओं की आबादी 96.63 करोड़ है. भारत की कुल जनसंख्या का यह 79.8 फीसदी है.
तेजी से बढ़ी है मुस्लिमों की आबादी
मुस्लिम बहुल देश के रूप में पाकिस्तान, सऊदी अरब जैसे देशों के नाम लिए जाते हैं. लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इंडोनेशिया, पाकिस्तान के बाद सबसे ज्यादा मुस्लिमों की आबादी भारत में है. धर्म आधारित जनगणना, 2011 के आकंड़ों के मुताबिक, भारत में मुस्लिम आबादी 17.22 करोड़ है. भारतीय जनसंख्या का यहा 14.2 प्रतिशत है.
पिछले दस सालों में यानी 2001 से 2011 के बीच की अवधि में मुस्लिम समुदाय की आबादी में भारत में सबसे ज्यादा 0.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ. मुस्लिमों की आबादी 2001 की 13.8 करोड़ की तुलना में 2011 में 17.22 करोड़ हो गई.
बौद्ध धर्म को मानती है दुनिया की 5 फीसदी आबादी
बौद्ध धर्म का जन्म भारत में हुआ था. गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त होने के बाद इस धर्म की स्थापना की और इसका प्रचार-प्रसार किया. बाद में उनके अनुयायियों ने इसे दुनियाभर में फैलाने का काम किया. भारत में जन्मे बौद्ध धर्म को दुनियाभर के लोग मानते हैं. श्रीलंका, म्यांमार, तिब्बत और दुनिया के कई देशों में काफी बौद्ध अनुयायी हैं.
एक आकंड़े के मुताबिक, दुनिया की 5.25% आबादी भारत में जन्मे बौद्ध धर्म को मानती है. वहीं जनगणना के धर्म आधारित आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बौद्ध धर्म मानने वाले लोग 0.84 करोड़ हैं. देश की आबादी का यह 0.7 प्रतिशत है.
भारत में हिंदू और मुस्लिम के बाद सबसे अधिक ईसाई की आबादी है. 2001 के आकंड़ों के मुताबिक, देश में ईसाई की जनसंख्या 2.78 करोड़ (2.3 प्रतिशत) है. इसके अलावा सिख 2.08 करोड़ (1.7 प्रतिशत), जैन 0.45 करोड़ (0.4 प्रतिशत) और अन्य धर्म और मत (ओआरपी) मानने वाले लोग 0.79 करोड़ (0.7 प्रतिशत) हैं.
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