इंटरनेशनल फैक्ट चैकिंग नेटवर्क (IFCN) ने अपने अपने वैश्विक फैक्ट चैकिंग कोविड-19 चैटबॉट को 11 जून को लॉन्च कर दिया है. कोरोना वायरस की महामारी के दौरान फेक न्यूज और गलत सूचनाओं का पर्दाफाश करने में ये व्हाट्सएप यूजर्स की मदद करेगा. इसकी मदद से लोग किसी भी जानकारी की सत्यता आसानी से जान पाएंगे.
भारत में 40 करोड़ से अधिक व्हाट्सएप यूजर्स हैं. वहीं इसमें से 44 परसेंट लोग हिंदी भाषी हैं. इसलिए IFCN कोरोना से जुड़ी फर्जी खबरों के खुलासे के लिए ये चैटबॉट हिंदी में भी लेकर आया है. कई सारे बड़े पब्लिशर्स इस फैक्ट चैकिंग टीम के सदस्य होंगे. भारत में IFCN के 11 फैक्ट चैकिंग सदस्य हैं. इनमें से 7 संस्थान हिंदी में फैक्ट चेकिंग करते हैं. क्विंट हिंदी भी उनमें से एक है.
कैसे करें इसका इस्तेमाल?
ये चैटबॉट की सुविधा पूरी तरह से मुफ्त होगी. यूजर्स को इसके लिए अपने मोबाइल में +1 (727) 2912606 ये नंबर सेव करना होगा. चैटबॉट शुरू करने के लिए यूजर्स को हिंदी में नमस्ते लिखकर भेजना होगा. इसके अलावा http://poy.nu/ifcnchatbotHI इस लिंक पर भी क्लिक करके ये सेवा पाई जा सकती है. चैटबॉट का इस्तेमाल काफी आसान, छोटा और नंबर आधारित है.
यहां ये भी जानना जरूरी है कि IFCN का बॉट WhatsApp यूजर्स तक फैक्ट चेक को पहुंचाने का आसान जरिया है. ये यूजर्स को कोरोना वायरस से जुड़ी फर्जी खबरों के खुलासे वाले डाटाबेस से फैक्ट चेक सर्च करने का रास्ता भी देता है. IFCN बॉट डायरेक्ट्री में लिस्टेड वेरिफाइड फैक्ट चेकर्स केवल सीधे उन्हें भेजे गए मैसेज ही देख सकते हैं. वे Whatsapp पर दूसरे मैसेज देख, मॉनिटर या डिलीट नीहं कर सकते, क्योंकि Whatsapp पर सारे मैसेज प्राइवेट हैं और इंड-टू-इंड इनक्रिप्शन की मदद से सुरक्षित हैं.
सुरक्षित है चैटबॉट
व्हाट्सएप पर इस बॉट का प्रयोग पूरी तरीके से सुरक्षित है. सिर्फ आप जो सीधे मैसेज चेक करने के लिए भेजेंगे केवल वही मैसेज फैक्ट चेकर्स देख पाएंगे. बाकी और मैसे एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन पर आधारित हैं तो बाकी के मैसेज पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे. एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन का मतलब होता है कि केवल मैसेज भेजने वाला और रिसीव करने वाला ही उसके कंटेट को देख सकता है. उसके अलावा और कोई दूसरा यहां तक कि खुद व्हाट्सएप भी नहीं देख सकता है.
जनवरी से लेकर अब तक 47 देशों के 80 से अधिक फैक्ट चैकिंग संस्थानों ने नोवल कोरोना वायरस से जुड़ी 6000 से अधिक फर्मी, भ्रामक खबरों का खुलासा किया है. ये सारी खबरें मिलकर कोरोना फैक्ट डाटाबेस बनाती हैं.
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