हरियाणा के करनाल में जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया है. राज्य सरकार का कहना है कि गलत सूचनाएं ना फैले इसलिए ये कदम उठाया गया है. बंद का आदेश आज रात 12 बजे तक लागू रहेगा. मिनी सचिवायल के बाहर पिछले तीन दिनों से जारी आंदोलन में प्रदर्शनरत किसानों की मांग है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो.
बुधवार को एक बार फिर से जिला अधिकारियों और प्रदर्शकारियों के बीच बातचीत हुई थी लेकिन वह असफल रही. बातचीत के बाद प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिला मुख्यालय के बाहर उनका धरना प्रदर्शन ‘अनिश्चित काल’ के लिए जारी रहेगा.
करनाल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का गृह क्षेत्र है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि राज्य सरकार अपने अधिकारी को बचाने कि कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि “इसलिए हमने तय किया है कि हमारा धरना यहीं जारी रहेगा उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के किसान भी धरना प्रदर्शन में यहीं जुड़ेंगे”.
हालांकि दिल्ली-करनाल-अंबाला नेशनल हाईवे- 44 पर अब तक जाम जैसी स्थिति नहीं बनी है.
बताते चलें कि करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा ने अपने उस बयान के लिए माफी मांग ली थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों का सिर फोड़ दो. तब उन्होंने कहा था कि 'यह बहुत सिंपल और स्पष्ट है. कोई कहीं से हो, उसके आगे नहीं जाएगा. अगर जाता है तो लाठी से उसका सिर फोड़ देना. कोई निर्देश या डायरेक्शन की जरूरत नहीं है. उठा-उठा कर मारना. हम किसी भी तरह से सिक्योरिटी ब्रीच नहीं होने देंगे. हमारे पास पर्याप्त फोर्स है.'
इस बीच हरियाणा के 4 जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस की सेवाओं को बंद कने के बाद कांग्रेस ने खट्टर सरकार की जमकर खिंचाई की. मनोहर लाल खट्टर की आलोचना करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा की, "जब भी कोई तानाशाह डरता है, तो वह इंटरनेट बंद कर देता है."
वहीं पिछले कई महीनों से दिल्ली की बॉर्डर पर किसान जुटे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र तीनों कृषि कानूनों को वापस लें. किसानों और सरकार के बीच चली कई दौर की वार्ता के बावजूद सहमति नहीं बनी है.
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