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असहिष्णु सोच न भारत के काम आएगी न पाकिस्तान के: गुलाम अली

गज़लों की दुनिया के बादशाह गुलाम अली ने संगीत को राजनीति से दूर रखने की अपील की.

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पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने संगीत और कला को राजनीति से दूर रखने की अपील करते हुए कहा कि पिछले साल शिव सेना के उनके मुंबई कॉन्सर्ट के विरोध के बावजूद भारत के लिए उनका प्यार कम नहीं हुआ है.

“मेरा मानना है कि राजनीति से कलाकारों को दूर ही रखना चाहिए,” गुलाम अली ने कहा. उन्होंने जोर दिया कि भारत हो या पाकिस्तान, असहिष्णुता से किसी का भी भला नहीं होगा.

असहिष्णुता किसी भी किस्म की अच्छी नहीं. भारत और पाकिस्तान दोनों का ही दुर्भाग्य होगा, अगर वे इस तरह की समस्या से दो-चार होते हैं. दोनों ही देशों को अमन-चैन की जरूरत है.--

- गुलाम अली

बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘निकाह’ के गीत ‘चुपके चुपके रात दिन’ से बॉलीवुड में गायकी की शुरुआत करने वाले भारत के चहेते गायक को पिछले साल अक्टूबर में निराश होना पड़ा जब शिव सेना के विरोध के बाद उनका मुंबई और पुणे कॉन्सर्ट रद्द कर दिया गया.

अली ने कहा कि शिव सेना में भी उनके प्रशंसक मौजूद हैं.

‘कला को राजनीति से दूर रखें’

मैं जानता हूं कि शिव सेना के भी कई लोग मेरे प्रशंसक हैं पर राजनीतिक कारणों और देश की सुरक्षा से जुड़ी चिंता के कारण उनका रवैया अलग हो जाता है. ऐसा नहीं है कि उन्हें मेरे उनके शहर में आकर गाने से दिक्कत है, पर मैं जिस देश का हूं, उससे उन्हें समस्या जरूर हो सकती है.

अक्टूबर में अली ने कहा था कि वे तब तक भारत नहीं आएंगे जब तक चीजें ‘ठीक’ नहीं हो जातीं.

मैं एक कलाकार हूं और ऐसी हालत में उलझन में पड़ जाता हूं. कलाकर जज्बाती होते हैं और कोई मुझसे तेज आवाज में बात भी कर ले तो में परेशान हो जाता हूं. तो उस वक्त यहां आकर परफॉर्म करने की सूरत में नहीं था.

उन्होंने कहा कि दिवंगत शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे, उनकी बहू स्मिता ठाकरे, उनका बेटा उद्धव ठाकरे और उसकी पत्नी रश्मी मेरी प्रशंसक रहे हैं.

मुझे उनसे बेहद प्यार मिला है. जब भी कभी उनमें से किसी से मिलने का मौका मिला, मुझे प्यार और इज्जत ही मिली है. इसके अलावा बाकी सब राजनीति है, और मैं राजनीति का हिस्सा नहीं हूं.

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‘मेरे शुभ चिंतक और प्रशंसक हर जगह हैं’

उन्होंने कहा कि जब तक वे गा सकते हैं, इस देश के लोगों के लिए गाते रहेंगे.

मेरे शुभ चिंतक और चाहने वाले भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, हर जगह हैं. उन्होंने कभी निराश नहीं किया. मैंने जब भी उनके देश में गाया, बदले में मुझे प्यार ही मिला. भले ही में किसी देश में जा नहीं पाऊं पर मेरी आवाज वहां तक जरूर पहुंच रही है. मैं जब तक जिंदा हूं, गाता रहुंगा.

दुनिया भर के लोगों का दिल ‘आवारगी’ ‘तुम्हारे खत मैं’, ‘दिल झड़कने का सबब’ से जैसी गजलों से जीतने वाले इस गायक का कहना है कि कोई भी जाती तौर पर उन्हें नापसंद नहीं करता.

भारत और पाकिस्तान एक दूसरे की परछाई की तरह है. जब कोई परेशानी में पड़ता है तो उसके साए को भी उसका पता चलता है. ...तो इन दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होंगे तो अमन-चैन बना रहेगा.

मशहूर गायक जल्दी ही सुहैब इलियासी के निर्देशन में बनने वाली फिल्म ‘घर वापसी’ में अभिनय की शुरुआत करने वाले हैं. इसी फिल्म के एक देश-भक्ति गीत के लिए उन्होंने अपनी आवाज़ भी दी है.

“मुझे एक्टिंग नहीं आती, मैं गायकी में ही काफी व्यस्त हूं. सुहैब मेरे छोटे भाई की तरह है. उसने मुझे एक फिल्म करने को कहा तो मैं मना नहीं कर सका,” अली बताते हैं. वे 29 जनवरी को फिल्म के म्यूजिक लॉन्च के लिए मुंंबई जा रहे हैं.

(लेखिका निवेदिता ने यह लेख IANS के लिए लिखा है.)

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