दिल्ली(Delhi) की एक अदालत ने सोमवार को पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां को 2020 के दिल्ली दंगों में एक बड़ी साजिश रचने के आरोप मामले में जमानत दे दी. पिछले महीने, इशरत की जमानत याचिका पर एक आदेश सुरक्षित रखा गया था. इशरत जहां की ओर से पेश हुए वकील प्रदीप तेवतिया ने तर्क दिया था कि दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में उनकी संलिप्तता दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है. शरजील इमाम और सलीम खान की जमानत याचिकाओं पर 22 मार्च को कोर्ट निर्णय सुनाएगा.
इस मामले में यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सुनाया. इशरत जहां तथा कई अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी 2020 के दंगों के "मास्टरमाइंड" होने के मामले में आतंकवाद विरोधी कानून – गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली के दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे.
आपतो बता दें, दिल्ली में CAA और NRC के विरोध के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इशरत जहां के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, उमर खालिद, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य पर भी मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था
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