Israel Palestine War: इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध को लेकर दिए गये अपने से शरद पवार घिर गये हैं. बीजेपी जहां शरद पवार के बयान की निंदा कर रही है तो वहीं, अब इस मामले में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और एनसीपी सांसद (शरद पवार गुट) सुप्रिया सुले आमने-सामने आ गए हैं.
दरअसल, शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "मुझे लगता है कि शरद पवार हमास के लिए लड़ने के लिए सुप्रिया (सुले) को गाजा भेजेंगे."
इस पर सांसद सुप्रिया सुले ने बीजेपी पर महिलाओं के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पार्टी उन पर "छींटाकशी" कर रही है.
सुप्रिया सुले ने कहा, "मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है, वह मूल रूप से कांग्रेसी हैं. उनका और मेरा डीएनए एक ही है. आप जानते हैं कि बीजेपी महिलाओं के प्रति कितना अपमानजनक है. लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थी."
मुझे आश्चर्य है कि महिलाओं के प्रति यह बदलाव और दृष्टिकोण कैसे आया है, शायद बीजेपी में जाना उन्हें थोड़ा परेशान कर रहा है. बीजेपी आईटी सेल को शरद पवार ने जो कहा है उसे ध्यान से समझने और सुनने की जरूरत है. उनका पूरा बयान सुनें.सुप्रिया सुले, सांसद, एनसीपी (शरद पवार गुट)
एनसीपी नेता (शरद पवार गुट) जितेंद्र अवहाद ने कहा कि लोग हिमंत बिस्वा सरमा को गंभीरता से नहीं लेते हैं. अवहाद ने कहा, "क्योंकि फिलिस्तीन मुसलमानों से जुड़ा है और मुस्लिम नफरत को भारत में लाना है, यह उनके दिमाग में एकमात्र योजना है. इस युद्ध को भारत में ध्रुवीकरण के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है."
पवार के बयान पर क्यों मचा बवाल?
रविवार (15 अक्टूबर) को एनसीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि पूरी जमीन फिलिस्तीन की थी और इजराइल ने कब्जा कर लिया.
वह जगह, जमीन और घर सब कुछ फिलिस्तीन का था और बाद में इजराइल ने उस पर कब्जा कर लिय. इजरायल एक बाहरी व्यक्ति है और जमीन मूल रूप से फिलिस्तीन की है.शरद पवार, एनसीपी अध्यक्ष
दरअसल, पवार इजराइल के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसने 7 अक्टूबर को सबसे खराब आतंकी हमले का सामना किया था.
बीजेपी ने बयान पर पवार को घेरा
NCP प्रमुख शरद पवार के बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री और BJP नेता प्रह्लाद पटेल ने कहा, "मैं इस तरह के बयान पर आपत्ति जताता हूं. किसी देश की विदेश नीति सरकार तय करती है और इसी आधार पर पीएम या विदेश मंत्री अपनी राय देते हैं. उनके बयान की निंदा की जानी चाहिए. पीएम ने इस मामले पर जो कहा है, वह देश के लिए विदेशी नीति है."
इससे पहले, बुधवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पवार की टिप्पणी को परेशान करने वाला और बेतुका बताया.
गोयल ने X पर पोस्ट कर लिखा, "यह बहुत परेशान करने वाली बात है जब शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल में आतंकी हमले पर भारत के रुख पर बेतुके बयान देते हैं. दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद के खतरे की सभी रूपों में निंदा की जानी चाहिए. यह अफसोस की बात है कि एक व्यक्ति जो भारत का रक्षा मंत्री और कई बार मुख्यमंत्री भी रहा है, आतंक से संबंधित मुद्दों पर इतना अनौपचारिक दृष्टिकोण रखता है."
शरद पवार उसी सरकार का हिस्सा थे जिसने बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाये और भारत की धरती पर आतंकी हमले होते हुए सोये रहे. इस सड़ी हुई मानसिकता को रोकना होगा. मुझे उम्मीद है कि शरद पवार कम से कम अब पहले राष्ट्र के बारे में सोचेंगे.पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी पवार की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि देश ने इस मुद्दे पर कभी भी अपना रुख नहीं बदला है बल्कि "हमेशा आतंकवाद का कड़ा विरोध किया है".
फड़नवीस ने 'X' पर एक पोस्ट में कहा, "भारत ने इजरायल-फिलिस्तीन विवाद पर कभी भी अपना रुख नहीं बदला है. हालांकि, साथ ही, भारत किसी भी रूप में और किसी के भी खिलाफ आतंकवाद का लगातार कड़ा विरोध करता रहा है."
फड़नवीस ने कहा कि भारत, इजराइल में निर्दोष नागरिकों की हत्या की निंदा करने में दुनिया के अन्य देशों के नक्शेकदम पर चला और शरद पवार को भी आतंकवाद के खिलाफ वही रुख अपनाना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "जब पूरी दुनिया ने इजराइल में निर्दोष लोगों की हत्या की निंदा की है और भारत ने भी ऐसा ही किया है, तो शरद पवार जी को भी आतंकवाद के खिलाफ वही भाषा बोलनी चाहिए."
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर को इजराइल शहर पर हमला करने वाले हमास आतंकवादियों द्वारा महिलाओं, बच्चों और विदेशियों सहित 1400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई थी. इजराइल द्वारा जवाबी बमबारी में अब तक गाजा में 2500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
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