भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने अपने 21 जवानों का नाम गैलेंट्री अवॉर्ड्स के लिए सुझाया है. साथ ही ITBP ने बताया है कि इस साल मई और जून के महीने में पूर्वी लद्दाख में फोर्स ने चीन के सैनिकों का कई जगहों पर सामना किया था. 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी. हालांकि, अब ITBP ने दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव पर नई जानकारी सामने रखी है.
ITBP के डायरेक्टर जनरल (DG) एसएस देशवाल ने मई और जून के महीने में पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई झड़पों में बहादुरी दिखाने वाले जवानों के लिए 21 गैलेंट्री मैडल और 294 DG गैलेंट्री का सुझाव दिया है.
ITBP का कहना है कि फोर्स ने इंडियन आर्मी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चीन के आक्रामक रवैये का सामना किया और किसी-किसी मामले में आक्रामक रवैये का जवाब 20 घंटे तक दिया गया.
चीन के सैनिकों ने लद्दाख में सीमा पर भारतीय जवानों पर पत्थर भी फेंके थे. किसी-किसी जगह पर झड़प 17-20 घंटों तक चली. ITBP के जवानों ने न सिर्फ शील्ड का प्रभावी रूप से इस्तेमाल खुद को बचाने में किया बल्कि चीन की आगे बढ़ रही सेना को जवाब भी दिया. प्रोफेशनल स्किल्स दिखाते हुए ITBP के जवान भारतीय सेना के साथ खड़े रहे और उनके घायल जवानों को लाने में भी मदद की.ITBP का बयान
ITBP ने अपने बयान में बताया कि कुछ इलाकों में उसके जवान 'पूरी रात लड़ते रहे लेकिन चीन के पत्थरबाजों को मुंहतोड़ जवाब दिया.'
फोर्स ने कहा, "ऊंचाई पर ट्रेनिंग और लड़ने का अनुभव ITBP के जवानों के काम आया और चीन की सेना का मुकाबला किया. ITBP के जवाब की वजह से कई अतिसंवेदनशील इलाके सुरक्षित रहे."
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